Bhutdi amavasya 2023: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन स्नान दान और पूजा पाठ करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन देवताओं और पितरों का आशीर्वाद मिलता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार हर महीने की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि के दिन अमावस्या होती है। पूरे साल में 12 अमावस्या पड़ती है और सभी के अलग-अलग नाम व मान्यताएं होती है। चैत्र महीने में पढ़ने वाली अमावस्या को भूतड़ी या भौमवती अमावस्या कहा जाता है। चैत्र महीना हिंदू कैलेंडर या पंचांग का अंतिम महीना होता है। जो अंग्रेजी के कैलेंडर के मार्च-अप्रैल माह में पड़ता है। आइये जानते हैं क्या होती है भूतड़ी अमावस्या और इसका मुहूर्त।

तिथि एवं मुहूर्त

इस वर्ष चैत्र के महीने में पड़ने वाली अमावस्या मंगलवार के दिन पड़ रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस अमावस्या पर कई शुभ योग बन रहे हैं। जिससे इस अमावस्या का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा। इस दिन शुभ, शुक्ल और सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है।

चैत्र अमावस्या प्रारंभ: 20 मार्च 2023, रात 01:47

चैत्र अमावस्या समाप्त: 21 मार्च 2023, रात 10:53

क्यों कहते हैं भूतड़ी अमावस्या?

सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार चैत्र के महीने में पढ़ने वाली अमावस्या का नाम भूतड़ी अमावस्या है। ज्यादातर लोगों को लगता है कि भूतड़ी अमावस्या का संबंध भूतों से होता है। धर्म शास्त्र के मुताबिक इस समस्या का संबंध भूतों से नहीं लेकिन नकारात्मक शक्तियों से जरूर माना जाता है। इस अमावस्या पर नकारात्मक शक्तियां या अतृप्त आत्माएं अपनी अधूरी इच्छा को पूरी करने के लिए लोगों के शरीर को निशाना बनाती हैं।

डिसक्लेमर

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rashifal
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