Chaitra Navratri 2023: ग्वालियर। नव संवत्सर की भी शुरुआत कल से हो जाएगी। इसी के साथ चैत्र नवरात्र शुरू होंगे। इस बार नवरात्र में 11 योगों का महासंयोग बन रहा है। माता का आगमन नाव में और प्रस्थान डोली में होगा। ज्योतिषाचार्य डा़ सतीश सोनी के अनुसार चैत्र नवरात्र इस बार पूरे नौ दिन के होंगे। नौ दिन के भीतर तीन सर्वार्थ सिद्धि योग, तीन रवि योग और दो अमृत सिद्धि योग के साथ गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 23, 27 और 30 मार्च को रहेगा। वही अमृत सिद्धि योग 27 और 30 मार्च को और रवि योग 24, 26 एवं 29 मार्च को रहेगा। नवरात्र के अंतिम दिन रामनवमी पर गुरु पुष्य नक्षत्र का महासंयोग भी बनेगा। घट स्थापना के समय शनि और गुरु अपनी राशि में विराजमान रहेंगे। शनि का मंगल और केतु दोनों के साथ नव पंचम राजयोग बनेगा। मीन राशि में सूर्य बुद्धादित्य योग, चंद्रमा गुरु की युति से गजकेसरी योग, हंस योग, शशयोग, धर्मात्मा राज लक्षण योग साक्षी रहेंगे। इन योगों के चलते आर्थिक विकास की दर में तेजी आएगी। बेरोजगारी दर में कमी होगी। जनता में खुशहाली रहेगी।

नव दुर्गा के साथ गौरी पूजन का विधान

चैत्र नवरात्र में नव दुर्गा के साथ ही गौरी की पूजा का भी विधान है। 22 मार्च को प्रथम शैलपुत्री की पूजा के साथ ही घट स्थापना की जाएगी। 30 मार्च को महागौरी की पूजा के साथ ही रामनवमी मनाई जाएगी। 31 मार्च को नवरात्रि का पारण होगा। दुर्गा सप्तशती के अनुसार नवरात्र बुधवार को शुरू हो रहा है। ऐसे में माता का आगमन नौका में होगा, जो फसल, धन, धान्य और विकास के लिए काफी लाभदायक रहेगा।

Posted By: anil tomar

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