Ranji Trophy 2023: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। आपको जिद, जुनून और जज्बे की एक तस्वीर याद होगी। वह तारीख थी 20 मई 2002 और खिलाड़ी थे भारतीय क्रिकेट के स्टार अनिल कुंबले। एंटीगुआ में हुए उस मैच में जंबो का जबड़ा टूट गया था, लेकिन चोट के बावजूद वे चेहरे पर पट्टी बांधकर देश की खातिर मैदान में उतरे थे। तब दुनिया चकित हो उठी थी और सबने खड़े होकर उनका सम्मान किया था। हिम्मत और हौसले की ऐसी ही कहानी इस बार इंदौर के होलकर स्टेडियम में लिखी गई। अबकी बार जांबाजी दिखाई आंध्र प्रदेश क्रिकेट टीम के कप्तान हनुमा विहारी ने। कलाई में फ्रेक्चर हुआ, डाक्टरों ने मना किया, इसके बावजूद हनुमा टीम की खातिर मैदान में उतरे और एक हाथ से बल्लेबाजी करते हुए चौके भी लगाए। उन्होंने कहा मैं नहीं खेलता तो टीम का हौसला कम होता। यही सोच रहा था कि जितने रन बनाऊंगा, उतना योगदान अंत में महत्वपूर्ण होगा।
इंदौर में रणजी ट्राफी का क्वार्टर फाइनल मैच खेला जा रहा है। इस मैच में मप्र के तेज गेंदबाज आवेश खान की बाउंसर हनुमा विहारी की कलाई पर लगी। जांच में पता चला फ्रेक्चर हुआ है। डाक्टरों ने कहा कि आराम करें, जोखिम न लें। मगर विकेट गिर रहे थे और टीम को कप्तान की दरकार थी। हनुमा पैड्स पहनकर फिर तैयार हो गए। साथी हैरान थे, लेकिन कप्तान अपने फैसले पर अटल। उन्हें चोट भी दाएं हाथ में ही लगी थी, जिससे वे बल्लेबाजी करते हैं। मगर वे बाएं हाथ में बल्ला लेकर क्रीज पर पहुंच गए। मप्र के खिलाड़ी भी यह जज्बा देख हैरान हो गए। हनुमा ने बाएं हाथ से ही 37 गेंदों का सामना किया और 16 रन बनाए। इस तरह पहली पारी में उनके बल्ले से कुल 27 रन निकले।
बने टीम के तीसरे सबसे बड़े स्कोरर
पहली पारी में आंध्र प्रदेश ने मप्र के खिलाफ बड़ी बढ़त ले ली थी और लगा कि अब हनुमा को आराम मिल जाएगा, लेकिन आंध्र की दूसरी पारी बिखरने लगी। तब आखिरी बल्लेबाज के रूप में कप्तान फिर बल्ला थामे मैदान पर आ गए। हनुमा ने कुल 16 गेंद खेलीं और 15 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने सारांश जैन को दो, जबकि तेज गेंदबाज अनुभव अग्रवाल को एक चौका भी लगाया। उनकी पारी की अहमियत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि टूटी कलाई के बावजूद वे अपनी टीम के तीसरे सबसे बड़े स्कोरर रहे।
पहले भी दिखा चुके हैं जज्बा
सिडनी में वर्ष 2021 में हनुमा की मांसपेशियों में खिंचाव हुआ था। तब देश के लिए टेस्ट मैच बचाने को उन्होंने बल्लेबाजी की थी।
मैल्कम मार्शल की याद ताजा की
वेस्टइंडीज के मैल्कम मार्शल ने वर्ष 1984 में एक हाथ से बल्लेबाजी करते हुए टीम को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट जिताने में अहम भूमिका निभाई थी।
दिग्गजों ने सराहा
- कलाई में चोट लगी तो दूसरे हाथ से बल्लेबाजी की। हनुमा विहारी की जीवटता को सलाम। -वेंकटेश प्रसाद
- मैं दावे के साथ कह सकता हूं हनुमा विहारी एक वास्तविक योद्धा हैं। आर. अश्विन
- हनुमा ने फिर साबित किया कि वे बड़े दिल के खिलाड़ी हैं। सिडनी में उन्होंने इसी तरह चोट के बावजूद खेलते हुए अश्विन के साथ भारत की उम्मीदें कायम रखी थीं। हर्षा भोगले (कमेंटेटर)
संक्षिप्त स्कोर :
आंध्र प्रदेश (पहली पारी ) : 379
मप्र (पहली पारी) : 228
आंध्र प्रदेश (दूसरी पारी ) : 93
मप्र (दूसरी पारी) : 58/0
Posted By: Sameer Deshpande