टोक्यो Tokyo Olympics 2020 । ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को हराकर 41 साल बाद इतिहास बना दिया है। पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक में जोरदार वापसी करते हुए 41 साल बाद कांस्य पदक जीता है। इस जीत के साथ ही देश में खुशी को लहर दौड़ गी। ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद पूरे भारत में खुशी का माहौल है। भारतीय हॉकी टीम की जीत के साथ ही मनप्रीत सिंह की मां भी काफी भावुक नजर आई। जब पत्रकार उनसे मिलने के लिए घर पहुंचे तो वह बोलते हुए रोने लगी। उन्होंने कहा कि ये आंसू उनके खुशी के हैं।
मैच के दौरान अहम भूमिका निभाने वाले गोलकीपर श्रीजेश के घर भी जमकर जश्न मनाया गया। श्रीजेश की मां भी अपनी भावनाएं छुपा नहीं पाई और कहा कि हमारे लिए कांस्य पदक भी सोने से कम नहीं है। हमें ऐसा लग रहा है कि जैसे हमारी टीम ने स्वर्ण जीत लिया हो। श्रीजेश की मां ने कहा कि यह उनके बेटे का तीसरा ओलंपिक है और बीते दो ओलंपिक में उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था। लेकिन इस बार पूरी टीम पदक के साथ लौट रही है। गुरुवार को सुबह से ही श्रीजेश के घर के बाहर भीड़ थी और सब टीवी से चिपके हुए थे। 41 साल बाद मिली ऐतिहासिक जीत के बाद पूरे परिवार ने पटाखे जलाकर जश्न मनाया और मिठाईयां बांटी गई।
वहीं श्रीजेश की पत्नी अनीशा भी काफी खुश नजर आई। श्रीजेश की पत्नी अनीशा पेशे से आयुर्वेदिक डॉक्टर है और जीत की खुशी को वह भी छुपा नहीं पा रही थी। अनीशा ने कहा कि श्रीजेश की इच्छा ओलंपिक पदक जीतने की थी। हम अपनी खुशी व्यक्त नहीं कर पा रही है। जीत के बाद उन्होंने अभी मुझे कॉल किया और फोन आया तो हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने बताया कि वे 10 अगस्त तक वापस आ सकते हैं, लेकिन अभी पक्का नहीं है।
ओलंपिक में भारतीय हॉकी का इतिहास
भारत ओलंपिक में सबसे सफल टीम है जिसने 8 स्वर्ण पदक जीते हैं। लेकिन पुरुष हॉकी टीम ने 1980 में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से कोई पदक नहीं जीता है। स्वर्ण पदक जीतने का सपना कुछ दिन पहले ही समाप्त हो गया। हालांकि भारत के पास कांस्य पदक के साथ अभियान खत्म करने का मौका था। भारतीय हॉकी के इतिहास में यह एक बहुत बड़ा क्षण रहा क्योंकि आज की जीत क्रिकेट के प्रति जुनूनी देश में हॉकी को फिर से जिंदा करने के लिए जरूरी थी।
Posted By: Sandeep Chourey