IPL Match Fixing: आईपीएल 2022 के आखिरी चरण के मैच खेले जा रहे हैं। शुक्रवार तक सीजन के 60 मुकाबले खेले जा चुके हैं। जिसकें बाद मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स टूर्नामेंट से बाहर हो गई है। जबकि गुजरात टाइंटस प्लेऑफ में पहुंचने वाली पहली टीम है। इस बीच आईपीएल 2019 से जुड़े फिक्सिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने शनिवार को पाकिस्तान से जुड़े फिक्सिंग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। सीबीआई ने इस मामल में 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इन लोगों पर पाकिस्तान से मदद लेकर आईपीएल के मैचों को प्रभावित करने का आरोप लगा है।
इनपुट के आधार पर गिरफ्तारी
सीबीआई ने पाकिस्तान से मिली इनपुट के आधार पर दिल्ली, हैदराबाद समेत चार शहरों के 7 स्थानों पर छापेमारी की है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि आईपीएल 2019 में कथित तौर पर फिक्सिंग और सट्टेबाजी के मामले में जांच एजेंसी ने दो एफआईआर दर्ज की है। इसमें दिल्ली से एक और हैदराबाद से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं राजस्थान में 4 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
सरगना 2010 से एक्टिव नेटवर्क
अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान वाला नेटवर्क 2010 से एक्टिव है। जबकि हैदराबाद और दिल्ली वाला नेटवर्क 2013 से इन गतिविधियों में सक्रिय है। अधिकारियों ने कहा कि सट्टेबाजों ने फिक्सिंग करने के लिए फर्जी आईडी और केवाईसी के जरिए बैंक अकाउंट खुलवाए हैं। कहा जा रहा है कि विदेशों से भी हवाला ट्रांजेक्शन किया जा रहा है।
Match-fixing racket allegedly influenced outcome of IPL cricket matches based on inputs from Pakistan: Officials after CBI books 3 people
— Press Trust of India (@PTI_News) May 14, 2022
तीन खिलाड़ी हुए थे बैन
गौरतलब है कि 2013 में आईपीएल पर फिक्सिंग का धब्बा लगा था। तब बीसीसीआई ने तीन खिलाड़ियों को बैन किया है। राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चंदीला को स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में अरेस्ट किया गया था। उनके साथ विंदू दारा सिंह और मयप्पन पर बुकियों से संपर्क के आरोप लगे थे। मुंबई पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। अंकित और अजित को क्रिकेट से हमेशा के लिए बैन कर दिया गया, जबकि श्रीसंत को 7 साल बाद रिहा कर दिया गया। उस वक्त सीएसके और राजस्थान को पूरे दो साल के लिए बैन कर दिया गया था।
Posted By: Shailendra Kumar