ट्विटर को लेकर देश में कई बार विवाद उत्पन्न हुए हैं। केंद्र सरकार से प्लेटफॉर्म के गलत व आपत्तिजनक इस्तेमाल की बात हो या किसी सेलिब्रिटी और राजनेता के अकाउंट सस्पेंड करने का मामला, पिछले लंबे समय से ट्विटर भारत में अपनी कानूनी जंग लड़ता आ रहा है। हालांकि इस बार स्वदेशी माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफार्म कू के को फाउंडर सीईओ अप्रमय ने ट्विटर पर तंज कसा है और नाम न लेते हुए विदेशी सोशल मीडिया की सच्चाई लोगों के सामने आने की बात कही है।
दरअसल अरबपति एलोन मस्क ने ट्विटर पर पूछा कि क्या लोग मानते हैं कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फ्री स्पीच के सिद्धांत का "कड़ाई से पालन करती है"। एक पोल में हां या ना के जवाब में पूछे गए इस सवाल के बाद उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए लोगों को चेतावनी दी कि इस मतदान के परिणाम महत्वपूर्ण होंगे।
Free speech is essential to a functioning democracy.
Do you believe Twitter rigorously adheres to this principle?
— Elon Musk (@elonmusk) March 25, 2022
इसके जवाब में पिछले नवंबर में कंपनी के सीईओ के रूप में पद छोड़ने वाले ट्विटर के संस्थापक जैक डोर्सी ने कहा, "किस एल्गोरिदम का उपयोग करना है (या नहीं) का विकल्प सभी के लिए खुला होना चाहिए"।
The choice of which algorithm to use (or not) should be open to everyone https://t.co/o2DkSTWW0O
— jack⚡️ (@jack) March 25, 2022
हालांकि मस्क के इस ट्वीट पर अप्रमय ने ट्विटर पर तो सादा ही जवाब दिया लेकिन मस्क के ट्वीट का स्क्रीन शॉट कू करते हुए ट्विटर को घेरना नहीं भूले। उन्होंने कू शेयर करते हुए कहा, "जबकि दुनिया विदेशी सोशल मीडिया के बारे में सच्चाई का पता लगा रही है, सभी कू यूजर्स ने पहले ही सही चुनाव कर लिया है! चलो कू कम्युनिटी के लोगों को विकसित करें!"
गौरतलब है कि 20 मिलियन से अधिक यूजर्स और 12 भाषाओं में भारतीयों को उनकी लोकल भाषा में विचार शेयर करने में सक्षम बनाने का स्वदेशी प्लेटफार्म कू, तेजी से लोगों में अपनी पकड़ बना रहा है। अधिक कंटेंट लिमिट हो या वीडियो फोटोज अपलोड करने की कैपेसिटी, कू ने ट्विटर को कई मायनों में पीछे छोड़ दिया है। साथ ही कू की बढ़ती लोकप्रियता के पीछे देशवासियों के बीच घर बना चुकी स्वदेशी अपनाओ की भावना भी काम कर रही है। हालांकि फिलहाल इस मेड इन इंडिया प्लेटफार्म को अपनी सही उपलब्धि मिलना बाकी हैं।
Posted By: Arvind Dubey