Vishv Hindi Divas 2023: हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। 1970 के दशक में World Hindi day यानी विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत हुई थी। पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित हुआ था। तब 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इसे प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने की थी। उद्देश्य यही है कि दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा के बारे में बाकी दुनिया को अवगत करवाना। हिंदी प्रेमियों के लिए इस दिन का विशेष महत्व है। इंटरनेट मीडिया के दौर में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर World Hindi day 2023 की बधाइयों का सिलसिला जारी है। यहां पेश हैं चुनिंदा संदेश, कविताएं, ग्रीटिंग्स, फेसबुक, वॉट्सऐप स्टेटस, जिन्हें साझा करते हुए आप विश्व हिंदी दिवस की बधाई दे सकते हैं।

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन

पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।

उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति होय

निज शरीर उन्नति किये, रहत मूढ़ सब कोय।

निज भाषा उन्नति बिना, कबहुं न ह्यैहैं सोय

लाख उपाय अनेक यों भले करे किन कोय।

इक भाषा इक जीव इक मति सब घर के लोग

तबै बनत है सबन सों, मिटत मूढ़ता सोग।

और एक अति लाभ यह, या में प्रगट लखात

निज भाषा में कीजिए, जो विद्या की बात।

तेहि सुनि पावै लाभ सब, बात सुनै जो कोय

यह गुन भाषा और महं, कबहूं नाहीं होय।

विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार

सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।

भारत में सब भिन्न अति, ताहीं सों उत्पात

विविध देस मतहू विविध, भाषा विविध लखात।

सब मिल तासों छांड़ि कै, दूजे और उपाय

उन्नति भाषा की करहु, अहो भ्रातगन आय।

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हिंदी है हमारी राष्ट्रभाषा ...

हिंदी है हमें बड़ी प्यारी...

हिंदी की सुरीली वाणी...

हमें लगे हर पल प्यारी...

हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।

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हिंदी हमारी मातृभाषा है...

इसे हर दिन बोलें...

और हिंदी दिवस के इस दिन पर...

सबको इसे बोलने के लिए उत्साहित करें।

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एक डोर में सबको जो है बाँधती

वह हिंदी है,

हर भाषा को सगी बहन जो मानती

वह हिंदी है।

भरी-पूरी हों सभी बोलियां

यही कामना हिंदी है,

गहरी हो पहचान आपसी

यही साधना हिंदी है,

सौत विदेशी रहे न रानी

यही भावना हिंदी है।

तत्सम, तद्भव, देश विदेशी

सब रंगों को अपनाती,

जैसे आप बोलना चाहें

वही मधुर, वह मन भाती,

नए अर्थ के रूप धारती

हर प्रदेश की माटी पर,

'खाली-पीली-बोम-मारती'

बंबई की चौपाटी पर,

चौरंगी से चली नवेली

प्रीति-पियासी हिंदी है,

बहुत-बहुत तुम हमको लगती

'भालो-बाशी', हिंदी है।

उच्च वर्ग की प्रिय अंग्रेज़ी

हिंदी जन की बोली है,

वर्ग-भेद को ख़त्म करेगी

हिंदी वह हमजोली है,

सागर में मिलती धाराएँ

हिंदी सबकी संगम है,

शब्द, नाद, लिपि से भी आगे

एक भरोसा अनुपम है,

गंगा कावेरी की धारा

साथ मिलाती हिंदी है,

पूरब-पश्चिम/ कमल-पंखुरी

सेतु बनाती हिंदी है।

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हिंदी भाषा नहीं भावों की अभिव्यक्ति है,

यह मातृभूमि पर मर मिटने की भक्ति है।

हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई।

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हिंदी सिर्फ हमारी भाषा नहीं, हमारी पहचान भी है।

तो आइए हिंदी बोलें, हिंदी सीखें और हिंदी सिखाएं।

हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।

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निज भाषा का नहीं गर्व जिसे

क्‍या प्रेम देश से होगा उसे

वहीं वीर देश का प्‍यारा है

हिंदी ही जिसका नारा है

Happy Hindi Diwas 2023

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गर्व हमें है हिंदी पर

शान हमारी हिंदी है,

कहते-सुनते हिंदी हम

पहचान हमारी हिंदी है

हैप्‍पी हिंदी दिवस 2023

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हिंदी का सम्मान

देश का सम्मान है,

हमारी स्वतंत्रता वहां है

हमारी राष्ट्र भाषा जहां है

Happy Hindi Diwas 2023

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सारे देश की आशा है

हिंदी अपनी भाषा है,

जात-पात के बंधन को तोड़ें

हिंदी सारे देश को जोड़े

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हम सब का अभिमान हैं हिंदी,

भारत देश की शान हैं हिंदी

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हिंदी बोलने में शर्म नहीं

गर्व होना चाहिए

हिंदी दिवस पर आप सभी

को हार्दिक शुभकामनाएं

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हिंदी दिवस पर हमने ठाना है

लोगों में हिंदी का स्वाभिमान जगाना है,

हम सब का अभिमान है हिंदी

भारत देश की शान है हिंदी...

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भारत के गांव की शान है हिंदी

हिन्दुस्तान की शक्ति हिंदी,

मेरे हिन्द की जान हिंदी

हर दिन नया वाहन हिंदी।

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अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन, पर निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।

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होठ खामोश थे सिसकियाँ कह गयी, द्वार बंद थे खिड़कियाँ कह गयी, कुछ हमने कहा कुछ हिंदी कह गयी, जो न कह पायें वो हिचकियाँ कह गयी।

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राष्ट्र की पहचान है जो भाषाओं में महान है जो जो सरल सहज समझी जाए उस हिन्दी को सम्मान दो।

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संस्कृत की एक लाड़ली बेटी है ये हिन्दी।

बहनों को साथ लेकर चलती है ये हिन्दी।

सुंदर है, मनोरम है, मीठी है, सरल है,

ओजस्विनी है और अनूठी है ये हिन्दी।

पाथेय है, प्रवास में, परिचय का सूत्र है,

मैत्री को जोड़ने की सांकल है ये हिन्दी।

पढ़ने व पढ़ाने में सहज है, ये सुगम है,

साहित्य का असीम सागर है ये हिन्दी।

तुलसी, कबीर, मीरा ने इसमें ही लिखा है,

कवि सूर के सागर की गागर है ये हिन्दी।

वागेश्वरी का माथे पर वरदहस्त है,

निश्चय ही वंदनीय मां-सम है ये हिंदी।

अंग्रेजी से भी इसका कोई बैर नहीं है,

उसको भी अपनेपन से लुभाती है ये हिन्दी।

यूं तो देश में कई भाषाएं और हैं,

पर राष्ट्र के माथे की बिंदी है ये हिन्दी।

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सरल, सरस भावों की धारा,

जय हिन्दी, जय भारती ।

शब्द शब्द में अपनापन है,

वाक्य भरे हैं प्यार से,

सबको ही मोहित कर लेती

हिन्दी निज व्यवहार से,

सदा बढ़ाती भाई-चारा,

जय हिंदी, जय भारती ।

नैतिक मूल्य सिखाती रहती,

दीप जलाती ज्ञान के,

जन -गण -मन में द्वार खोलती

नूतनतम विज्ञान के,

नव-प्रकाश का नूतन तारा,

जय हिन्दी, जय भारती ।

देवनागरी, भर देती है

संस्कृति की नव-गंध से,

इन्द्रधनुष से रंग बिखराती

नव-रस, नव -अनुबंध से,

विश्व-ग्राम बनता जग सारा,

जय हिन्दी, जय भारती ।

Posted By: Arvind Dubey

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