
डिजिटल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग स्थित खगुंड, सादीवारा, वेरीनाग का रहने वाला मोहम्मद आरिफ मीर बुधवार देर शाम कार्डियोलॉजी से हिरासत में लिया गया था। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्रवक्ता डा. शाहीन के मोबाइल फोन से मिली जानकारी ने एजेंसियों को उसकी गतिविधियों तक पहुंचाया। दोनों एक-दूसरे के संपर्क में वॉट्सऐप और अन्य इंटरनेट मीडिया के माध्यम से थे। उनकी चैट में फरीदाबाद से दिल्ली तक की आतंकी प्लानिंग के स्पष्ट संकेत मिले हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि पिछले एक साल में डा. आरिफ का फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में लगातार आना-जाना रहा। वह वहां लंबे समय तक रुकता था और एटीएस का मानना है कि यूनिवर्सिटी में ही कई आतंकी योजनाओं को अंजाम दिया गया। उसके मोबाइल से मिले संपर्कों की सूची भी एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें कानपुर के कुछ नाम शामिल हैं। आशंका है कि ये नाम डा. शाहीन के जरिए उससे जुड़े होंगे और स्थानीय मददगार की भूमिका निभा रहे होंगे।
डा. आरिफ की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियों ने कश्मीर मूल के 15 संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है। हालांकि, किसी भी स्तर पर इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन एजेंसियों की सक्रियता इस बात का संकेत देती है कि यह जांच बड़े नेटवर्क की ओर बढ़ रही है।
जांच एजेंसियों के अनुसार, अब तक मिले सबूत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि दिल्ली बम धमाके से लेकर उसके पहले हुई गतिविधियों में डा. आरिफ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण थी। आने वाले दिनों में इस मामले में और गिरफ्तारियां संभव हैं।