दुनिया में सबसे ज्यादा मांस अमेरीका और ऑस्ट्रेलिया जैसे अमीर देश खाते हैं, जहां लोग एक साल में औसतन 100 किलो तक मांस खा लेते हैं, जो गरीब देशों के मुकाबले कई गुना ज्यादा है।
न्यूज़ीलैंड और अर्जेंटीना में भी प्रति व्यक्ति मांस की खपत काफी ज्यादा है। ये देश भी टॉप पर हैं, जहां हर व्यक्ति सालभर में औसतन 100 किलो के करीब मांस खा लेता है।
पश्चिमी यूरोप के देशों में भी मांस की खपत बहुत ज्यादा है, जहां एक आम आदमी साल में लगभग 80 से 90 किलो मांस खा जाता है, जो दुनिया के औसत से काफी ऊपर है।
दूसरी तरफ, इथियोपिया जैसे गरीब देशों में मांस खाना एक लक्जरी है, जहां एक व्यक्ति सालभर में केवल 7 किलो मांस ही खा पाता है, यानी अमीर देशों के मुकाबले दसवां हिस्सा।
अफ्रीका के रवांडा और नाइजीरिया जैसे देशों में भी मांस की खपत बहुत कम है, जहां लोग केवल 8 से 9 किलो मांस खाते हैं, यानी मांस वहां आम खाने की चीज नहीं है।
चीन में 1960 में लोग बहुत कम मांस खाते थे, लेकिन जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था बढ़ी, वैसे-वैसे मांस की खपत भी बढ़ी और अब वहां प्रति व्यक्ति खपत 60 किलो सालाना के करीब पहुंच गई है।
ब्राज़ील में भी कुछ ऐसा ही हुआ है; 1990 से अब तक मांस की खपत लगभग दोगुनी हो गई है और अब ये देश भी मांस खपत में पश्चिमी देशों को टक्कर दे रहा है।
कीनिया जैसे देशों में मांस खाने की आदतों में ज्यादा बदलाव नहीं आया है, क्योंकि वहां की आर्थिक स्थिति उतनी मजबूत नहीं है। इसलिए वहां मांस आज भी सीमित मात्रा में ही खाया जाता है।
आंकड़े बताते हैं कि अमीर देश और ज्यादा मांस खाते हैं, जबकि गरीब देश कम, क्योंकि वहां मांस खरीदना आसान नहीं होता। यह अब भी कई लोगों के लिए एक महंगा भोजन है।