आयुर्वेद में दातून का इस्तेमाल सदियों से किया जाता आ रहा है। इससे न सिर्फ दांतों की सफाई होती है, बल्कि मुंह की बदबू, दांतों की मजबूती और मुंह की बीमारियों से भी बचाव होता है। नेचुरल दातून का इस्तेमाल करना ओरल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आइए जानें 5 नेचुरल दातून के बारे।
नीम में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज दांतों की सड़न से बचने में मदद करती हैं। इससे मसूड़े मजबूत होते हैं और मुंह की बदबू दूर होती है।
बबूल की छाल में मौजूद टैनिन मसूड़ों को स्ट्रांग करता है। इससे मसूड़ों से खून निकलने की दिक्कत भी कम होती है। यह दांतों को नेचुरली सफेद करते हैं।
मुलेठी से न सिर्फ मुंह में मिठास आती है, बल्कि यह दांतों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसके इस्तेमाल से मुंह की स्मेल दूर होती है और दांत चमकदार बनते हैं।
खैर की लकड़ी में मौजूद औषधीय प्रॉपर्टीज दांतों की सड़न और कैविटी को कम करने में मदद करते हैं। इससे दांत स्ट्रांग होते हैं और मसूड़ों की सूजन कम होती है।
पीलू की दातून से आयुर्वेद में खास मानी जाती है। इससे मसूड़े स्ट्रांग होते हैं और दांतों को हेल्दी रखते हैं। इसके नियमित इस्तेमाल से दांतों में चमक आती है।
दातून को चबाकर हल्के हाथों से ब्रश की तरह इस्तेमाल करें। इसके रस से मुंह का कुल्ला करें। रोजाना सुबह दातून का इस्तेमाल करना फायदेमंद होगा।
आप भी अपने दांतों को चमकदार और स्ट्रांग करने के लिए केमिकल टूथपेस्ट को छोड़कर इन आयुर्वेदिक दातून को अपनाएं। इस तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए naidunia.com पर क्लिक करें।