ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो चुकी है और इस माह में गर्मी चरम सीमा पर होती है। सूरज धरती को तपा देता है। आइए जानते हैं कि नौतपा में सूर्य को जल देने के 6 नियम क्या है-
नौतपा में सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और इस दौरान सूर्य मंत्रों का जाप अवश्य करें। ऐसा करने से सूर्यदेव की कृपा बनी रहती है।
नौतपा में सूर्य देव को बासी जल अर्पित नहीं करना चाहिए। हमेशा स्वच्छ और ताजा का ही इस्तेमाल करें।
नौतपा में पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही जल चढ़ाएं। जल चढ़ाने के बाद सूर्यदेव का ध्यान करते हुए चारों और परिक्रमा करनी चाहिए।
सूर्यदेव को जल देते समय इस बात का ध्यान रखे की जल की बूंदें आपके पैरो पर न गिरे, थोड़ा दूर रहकर अर्घ्य दें।
इस बात का विशेष ध्यान दें कि सूर्य को जल अर्पित करते समय उसमें रोली जरूर डालें तभी अर्घ्य दें।
सूर्य देव को जल सूर्योदय के एक घंटे के अंदर चढ़ाना चाहिए। इस समय जल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
नौतपा में सूर्य को जल देने के 6 नियम यह है। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM