क्यों सूर्य अध्ययन है बेहद मुश्किल? कैसे आदित्य एल-1 लगाएगा बेड़ा पार


By Shivansh Shekhar01, Sep 2023 05:49 PMnaidunia.com

मुश्किल सूर्य अध्ययन

यह लगभग सभी जानते हैं कि लाखों किलोमीटर दूर से भी सूर्य की रौशनी नहीं झेल पाते हैं। ऐसी स्थिति में सूर्य के करीब जाकर अध्ययन करना मुश्किल होगा।

ये डालती है असर

सूर्य से निकलने वाली किरणें, रेडियेशन और रेडियो तरंगे किसी भी मिशन में बाधा बनती है। ऐसे में सूर्य के अध्ययन में दिक्कतें आती हैं।

सूर्य के करीब पहुंचना

धरती की सतह से सूर्य मूल स्वरूप को समझना नामुमकिन सा हो जाता है। ऐसे में सूर्य के पास पहुंचने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

मूल विकिकरण

टेलीस्कोप के जरिए सूर्य का अध्ययन किया जा सकता है लेकिन ओजोन लेयर की वजह से विकिकरण धरती पर छन आती है।

बेहद खास Aditya L-1

अब केवल एक ही विकल्प है कि सूर्य के करीब पहुंचा जाए, लेकिन सूर्य से आने वाली उष्मा भी किसी मिशन को झेल पाने के लिए सक्षम होना चाहिए।

बेहद खास Aditya L-1

अब केवल एक ही विकल्प है कि सूर्य के करीब पहुंचा जाए, लेकिन सूर्य से आने वाली उष्मा भी किसी मिशन को झेल पाने के लिए सक्षम होना चाहिए।

नहीं पड़ेगा असर

धरती के प्रभाव का असर Aditya L-1 पर नहीं पड़ने वाला है, इसके अलावा इस बिंदु पर स्थापित होने के चलते ग्रहण का असर नहीं होगा।

क्यों L-1 प्वाइंट?

L-1 एक ऐसा प्वाइंट है जहां सूर्य और पृथ्वी दोनों का गुरुत्वाकर्षण एक दूसरे पर काम करता है और उसकी वजह से किसी स्पेस क्रॉफ्ट को लटकाया जा सकता है।

होने जा रहा लॉन्च

2 सितंबर को ISRO Aditya L-1 को लॉन्च करेगा। जो काफी निर्णायक साबित होने वाला है, सभी की निगाहें इसके ऊपर होंगी।

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