भारत को परंपराओं का देश माना जाता है। आइए जानते है कि भारत में सिंदूर में मांग भरने की परंपरा कितनी पुरानी है और इससे जुड़ी खास बातों के बारे में।
मान्यता के अनुसार, पति की लंबी उम्र के लिए पत्नियां सिंदूर लगाती है। ज्योतिष के मुताबिक, पत्नियों के ऐसा करने से पति के ऊपर से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है।
सिंदूर एक सौंदर्य का प्रसाधन है जिसे महिलाएं अपनी मांग के बीचो बीच लगाती है। हिंदू के अलावा बौद्ध और जैन धर्म में भी सिंदूर लगाने की परंपरा है।
विवाह के समय महिलाओं की मांग में सिंदूर भरा जाता है। सिंदूर महिलाओं के लिए सुहागन होने का प्रतीक होता है।
माता पार्वती ने भगवान शिव से विवाह के बाद अपनी स्नेह और पवित्रता के प्रतीक के रूप में अपनी मांग भरती थी।
भगवान शिव को सिंदूर अति प्रिय होता है। जो महिलाएं इसे लगाती है, उनका वैवाहिक जीवन खुशियों से भरा होता है। सुहागन महिला के मांग में सिंदूर होना भी आशीर्वाद के रूप में माना जाता है
सिंदूर लगाना सनातन धर्म की परंपरा रही है। यह परंपरा सनातन जितनी पुरानी है। धार्मिक शास्त्रों में खुद इस बात का उल्लेख मिलता है।
सिंदूर दो प्रकार से बनता है। एक प्रकार का सिंदूर जहां प्राकृतिक रूप से तैयार किया जाता है, वही दूसरे प्रकार का सिन्दूर केमिकल की मदद से बनाया जाता है। अप्राकृतिक तरीके से बना सिंदूर बालों के लिए अच्छा नहीं होता है।