भ्रांति है कि अस्थमा की बीमारी 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को ही होती है। दरअसल ऐसा है नहीं। युवावस्था में ही इस बीमारी के लक्षण नजर आने लगते हैं।
अगर आपको मौसम में बदलाव होते ही सर्दी-जुकाम और खांसी की समस्या होती है जो 15 दिन से ज्यादा रहती है तो अस्थमा हो सकता है।
जिनके परिवार में किसी को पहले से अस्थमा है उन्हें अस्थमा होने की आशंका सामान्य के मुकाबले अधिक रहती है।
नाक बहना, लगातार और बार-बार छींके आना, खांसी चलना, सांस लेने में दिक्कत होना और सीने में सीटी जैसी आवाज आना।
जीवनशैली में बदलाव से अस्थमा को रोका जा सकता है। श्वसन तंत्र को मजबूत करने के लिए सांस के व्यायाम जैसे अनुलोम-विलोम करें।
अगर आप नियमित दवाएं लेंगे तो अस्थमा पूरी तरह से नियंत्रित हो सकता है। प्रदूषण की वजह से इसके मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।