होलिका दहन के पर्व को छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। आइए जानते है छोटी होली से जुड़े नियमों के बारे में।
होलिका दहन को भी बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। 24 मार्च 2024 को पूरे देश में होलिका दहन किया जाएगा।
पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 24 तारीख को 9 बजकर 54 मिनट से होगा और 25 तारीख को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11.13 बजे से 11.53 बजे तक रहेगा।
इस दिन सुबह जल्दी उठकर गंगाजल को जल में मिलाकर स्नान करें और होलिका में लकड़ी, पत्ते, तिल, गेहूं के दाने, गोबर के उपले, सरसों का तेल, सूखा नारियल और अक्षत डालें, फिर अग्नि जलाएं।
होलिका दहन के समय अग्निकुंड के आसपास सफाई रखें और दहन के स्थान को पानी गाय के गोबर के मिश्रण से साफ रखें। देसी घी का दीपक जलाएं और भगवान से नकारात्मकता दूर करने की कामना करें।
होलिका दहन वाले दिन धन की देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें। इस पर्व पर भगवान सत्यनारायण के निमित्त व्रत रखने से भी लाभ मिलता है।
होलिका की अग्नि में प्लास्टिक, टायर आदि सामग्रियों का उपयोग न करें। इस दिन पैसा उधार ने दें, सभी से अच्छा व्यवहार करें। दूसरे के खिलाफ गलत न बोलें। सड़क पर पड़ी किसी भी वस्तु को न छुएं। सिर्फ अपनी वस्तुओं पर ही अधिकार रखें।
इस दिन तामसिक भोजन, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें और अपने बाल, नाखून भी न कांटे।
अगर आपको छोटी होली के नियमों से जुड़ी यह स्टोरी पसंद आई तो ऐसी ही धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें naidunia.com