महाभारत में अर्जुन को सबसे बड़े योद्धा में गिना जाता है। आइए जानते है महाभारत में किससे पराजित हुए थे अर्जुन?
अर्जुन का विवाह उलूपी से भी हुआ था। उलूपी के उकसाने पर ही बभ्रुवाहन ने अर्जुन से युद्ध किया था। अर्जुन और बभ्रुवाहन के बीच भीषण युद्ध हुआ था।
इस भीषण युद्ध में बभ्रुवाहन ने अर्जुन को पराजित कर दिया था। युद्ध के समय बभ्रुवाहन युवान था। उसने अपने तीखे बाण से अर्जुन पर प्रहार किया थे।
बभ्रुवाहन के प्रहार से अर्जुन बेहोश हो गए थे। इस दौरान बभ्रुवाहन की दूसरा मां चित्रांगदा भी वहा आ गई थी। अर्जुन को मृत्यु की हालत में देखकर चित्रांगदा फूट कर रोने लगी।
अर्जुन की मृत्यु देख बभ्रुवाहन और चित्रांगदा उपवास पर बैठ गए थे। यह देखकर नागकन्या उलूपी ने बभ्रुवाहन को संजीवनी मणि देकर कहां कि इसे अपनी पिता की छाती पर रख दें। ऐसा करने पर अर्जुन तुरंत जीवित हो गए थे।
उलूपी ने अर्जुन को बताया कि छल पूर्वक भीष्म का वध करने के चलते देवता अर्जुन को श्राप देना चाहते थे। ऐसे में उलूपी के पिता जी के प्रार्थना करने पर देवताओं ने उन्हें एक नया मार्ग सुझाया।
उलूपी के अनुसार, यदि मणिपुर के महाराज बभ्रुवाहन अपने पिता अर्जुन का वध कर देते है तो उन्हें पापा से छुटकारा मिल जाएगा।
इसी प्रसंग के चलते उलूपी ने अपनी मोहिनी माया से अर्जुन का वध करवाया था। यह कथा जानकर अर्जुन समेत बभ्रुवाहन और चित्रांगदा काफी खुश हुए थे।