सनातन धर्म में भगवान शिव को देवों का देव महादेव के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि उन्हें सच्चे मन से जल अर्पित करने पर मनोवांछित फल मिलता है।
भगवान शिव को बेल, धतूरा, भांग, मोगरे का फूल, दूध आदि से अभिषेक करने पर देवों के देवता जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्त को वरदान देते हैं।
इसके साथ ही भगवान शिव को चंदन से तिलक लगाने के अलावा त्रिपुंड लगाना भी बेहद शुभ माना जाता है। माथे पर तीन लकीरें समानांतर खींचना त्रिपुंड कहलाता है।
महादेव की पूजा के समय उन्हें चंदन या फिर भस्म का त्रिपुंड लगाया जाता है। अधिकतर लोग यह सोचते हैं कि त्रिपुंड लगाने से महादेव प्रसन्न होते हैं।
शिव जी के माथे पर त्रिपुंड लगाने से केवल भोलेनाथ ही नहीं बल्कि 27 अन्य देवी देवता भी प्रसन्न होते हैं। साथ ही नवग्रह को भी खुशी मिलती है।
भगवान शिव पर विधिवत त्रिपुंड लगाने से वह जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। त्रिपुंड लगाने से आपको कुल 27 देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
ऐसा करने से आपके जाने अनजाने में हुए पाप भी खत्म हो जाते हैं। त्रिपुंड लगाने से बुरी शक्तियां भी दूर भागती है। चंद्र दोष से भी मुक्ति मिलती है।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।