नंदी भगवान शिव के प्रिय गण है और वह उनके वाहन प्रिय वाहन है। इसलिए किसी भी शिवालय में भगवान शिव के समीप नंदी महाराज की प्रतिमा जरुर होती है। आइए जानते हैं कि सावन में नंदी की पूजा करने से क्या होता है-
सावन महीने में नंदी को अपनी इच्छा बताने से वह मनोकामना पूर्ण होती है। ऐसे में नंदी को मनोकामना बोलने से वह बात को भगवान शिव तक जल्दी पहुंचती है।
भगवान शिव ने नंदी की भक्ति से खुश होकर हर शिव मंदिर में नंदी की प्रतिमा होने का वरदान भी दिया था। यही कारण है कि बिना नंदी के दर्शन और उनकी पूजा किए भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है।
ऐसा कहा जाता है कि जिस तरह हनुमान की पूजा करने से भगवान श्री राम की कृपा मिलती है, उसी तरह नंदी की पूजा करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है ।
नंदी के बाएं कान में अपनी बात कहें। अपनी इच्छा बताते हुए अपने मुख को दोनों हाथों से ढक लें ताकि कोई आपकी बात न सुने लें।
नंदी महाराज को अपनी इच्छा बताने के बाद उन्हें भेट स्वरुप कुछ फल,प्रसाद या धन आदि भेट में दे सकते हैं।
जब भी मंदिर में जाएं शिव के साथ नंदी की पूजा कर शिव के कल्याण भाव के मन में रखकर वापस आए। इससे मनोकामना जल्दी पूरी होती है।
इसलिए सावन में नंदी की पूजा करते हैं। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM