श्री कृष्ण ने गीता में बताया कि क्यों पाप करते हैं इंसान


By Sahil23, Apr 2024 08:00 AMnaidunia.com

गीता के उपदेश

भगवान कृष्ण ने गीता में कुछ उपदेश दिए हैं। इनका पालन करके कोई भी व्यक्ति अच्छे और बेहतरीन ढंग से अपना जीवन व्यतीत कर सकता है।

मनुष्य क्यों करते हैं पाप?

सवाल खड़ा होता है कि व्यक्ति आखिर क्यों पाप करता है। इसका जवाब भगवान कृष्ण ने गीता में दिया है। दरअसल, भगवान ने अर्जुन को समझाते हुए इसके बारे में बताया था।

अर्जुन को दिए उपदेश

महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण ने खुद अर्जुन को गीता के उपदेश दिए थे। श्री कृष्ण ने यह भी बताया कि व्यक्ति किस वजह से पाप करने के लिए विवश हो जाता है।

स्वार्थ करवाता है पाप

व्यक्ति के मन की स्वार्थ की भावना उससे पाप करवाती है। स्वार्थ और वासना दोनों ही व्यक्ति के सबसे बड़े दुश्मन है। इन दोनों के चक्कर में पड़कर ही व्यक्ति पाप करता है।

क्रोध और मोह

भगवान कृष्ण ने अर्जुन को समझाते हुए बताया कि क्रोध और मोह में पड़कर भी व्यक्ति पाप करता है। ये दोनों भावनाएं व्यक्ति को किसी भी तरह का पाप करने के लिए विवश करती है।

बुद्धि नहीं कर पाती है काम

क्रोध में व्यक्ति की बुद्धि काम नहीं कर पाती है। क्रोधित व्यक्ति सही और गलत के बीच अंतर नहीं कर पाता है और पाप कर बैठता है।

कामना है व्यक्ति का दुश्मन

व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन कामना भी है। यह व्यक्ति के पतन का कारण बनता है। इससे बचने के लिए मन और इंद्रियों में कामना का वास न होने दें।

ज्ञान को ढंक देता है मोह

श्री कृष्ण का कहना है कि मोह, काम और वासना व्यक्ति के ज्ञान को ढंक देता है। इन दोनों की वजह से व्यक्ति पाप करने के लिए मजबूर हो जाता है।

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