गीता में भगवान कृष्ण के बताए गए उपदेशों का उल्लेख हैं। सुखद और चिंता मुक्त जीवन जीने के लिए इन उपदेशों को जरूर पढ़ना चाहिए।
गीता में लिखा है कि मनुष्य को अपने कर्म पर फोकस करना चाहिए। भविष्य और बीते कल की चिंता भगवान पर ही छोड़ दें।
श्री कृष्ण का कहना है कि क्रोध व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। क्रोध में इंसान अपना विवेक खो बैठता है और गलत-सही का अंतर नहीं समझ पाता है।
श्री कृष्ण के मुताबिक, धैर्य रखना जरूरी है। समय के साथ सब कुछ बदलता है। अगर आज दुख है तो कल सुख भी आएगा।
भगवान कृष्ण के उपदेश में यह भी लिखित है कि इंसान को शरीर समेत तमाम चीजों का मोह त्याग देना चाहिए। आत्मा के अलावा सब कुछ यहीं छूट जाएगा।
गीता में कहा गया है कि सभी का सम्मान करना सीखें। सभी के प्रति सम्मान का भाव रखने से व्यक्ति के तमाम तरह के दुख दूर हो जाते हैं।
महाभारत के उदाहरण से समझा जा सकता है कि अधर्म का रास्ता व्यक्ति को पतन के मार्ग पर ले जाता है। इसलिए अधर्म के रास्ते पर नहीं चलना चाहिए।
गीता में कहा गया है कि व्यक्ति को कभी भी उम्मीद का त्याग नहीं करना चाहिए। जीवन में सभी चीजें सही हो जाएंगी, बशर्ते उम्मीद कायम रखें।