सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। महाशिवरात्रि और प्रदोष व्रत के मौके पर भी भोलेनाथ की पूजा करने का खास महत्व होता है।
शिवलिंग पर अक्सर भांग, धतूरा चढ़ाया जाता है। सवाल खड़ा होता है कि भगवान शिव को भांग प्रिय है या फिर इसके पीछे कोई अन्य वजह है।
शिवजी को भांग चढ़ाने को लेकर पौराणिक कथा में बताया गया है कि समुद्र मंथन से निकले विष को पीकर भोलेनाथ ने पूरे संसार को तबाही से बचाया था।
भगवान शिव ने विष को अपने गले से नीचे नहीं उतरने दिया था और इस वजह से शिवजी व्याकुल हो गए थे। बताया जाता है कि वह बेहोश हो गए थे।
देवताओं के सामने यह एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई थी। इसके लिए उन्होंने शिवजी के सिर से विष के प्रभाव को कम करने के लिए भांग और धतूरा रखा था।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसके बाद ही भोलेनाथ को भांग और धतूरा चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। ऐसा भी कहा जाता है कि इन दोनों चीजों को चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न भी हो जाते हैं।
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव हमेशा कैलाश पर्वत पर साधना किया करते हैं। बता दें कि पर्वत पर कड़ाके की ठंड पड़ती है। इस वजह से गर्माहट के लिए भांग और धतूरे का सेवन किया जाता था।
शिवजी को भांग और धतूरा चढ़ाने से जुड़ी जानकारी सामान्य मान्यताओं और पौराणिक कथाओं पर आधारित है। इसकी पुष्टि हमारी तरफ से नहीं की जा रही है।
यहां हमने भगवान शिव को भांग और धतूरा चढ़ाने के पीछे की वजह को लेकर बात की। ऐसी ही अन्य धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ