शिव जी की पूजा करते हुए कई बातों का विशेष रुप से ध्यान रखा जाता है। आइए जानते हैं आखिर क्यों लगाते हैं शिव जी को भस्म?
भस्म भोले बाबा को बेहद प्रिय होता है। पूजा करते हुए भोले बाबा को भस्म अर्पित करने से वो बेहद प्रसन्न होते है और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
शिव जी को अर्पित की जाने वाली हर चीज को लेकर कोई न कोई रहस्य तो छिपा ही है। शिव जी के द्वारा शरीर पर भस्म लगाने की वजह उनके द्वारा खुद को मृत आत्मा से जोड़ना है।
इंदौर में स्थिति महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भी आरती से पहले श्मशान से भस्म आता है जो भोले बाबा को चढ़ाया जाता है। इसके पश्चात ही भस्म आरती होती है।
शिव जी को चढ़ने वाली भस्म किसी धातु या लकड़ी को बचाने के बाद बची हुई राख नहीं बल्कि जली हुई चिता की राख है। इस राख को अपने शरीर पर लगाकर भोले बाबा उन मृत व्यक्तियों को पवित्रता का सम्मान देते है।
कहा जाता हैं कि मृत व्यक्ति को जलाने के बाद बची हुई राख में उस मनुष्य के सुख-दुख, बुराई-अच्छाई कुछ भी शेष नहीं रह जाता है। जिस वजह से वह राख बेहद पवित्र होती हैं।
पौराणिक कथा में इस बात का भी वर्णन मिलता है कि शिव जी सती की मृत्यु के बाद बेहद दुखी हो गए थे। सती जी के भस्म होने के बाद शिव जी भस्म के कणों के जरिए हमेशा उनके साथ रहें।
खुद को अग्नि को समर्पित कर चुकी सती के शव को देखकर शिव जी अपना मानसिक संतुलन खो बैठे थे। शिव जी का ये रवैया देखकर श्रीहारि ने सती के मृत शरीर को स्पर्श करके उसे भस्म में बदल दिया। जिससे भोले बाबा और दुखी हो गए।