धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त बेहद शुभ होता है। आइए जानते है ब्रह्म मुहूर्त में कौन से तीन कार्य करने चाहिए?
ब्रह्म मुहूर्त के शाब्दिक अर्थ में ब्रह्म में का मतलब है परमात्मा तो वहीं मुहूर्त का मतलब समय होता है। इस मुहूर्त में खास कार्यों को करने से जीवन की काया पलट सकती है।
सुबह के इस समय में शरीर में नई ऊर्जा और उमंग होती है। ऐसे में इस मुहूर्त को बेहद खास माना जाता है। इस मुहूर्त में कार्य करना अच्छा माना जाता है।
मान्यता के मुताबिक, रात के अंतिम पहर के ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। रात्रि की समाप्ति और नए दिन के आगाज से ही ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत होती है। सुबह 4 बजे से लेकर 5.30 बजे तक के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहते है।
सूर्योदय से पहले उठना और इस मुहूर्त में कार्य करना बेहद लाभकारी माना जाता है। ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने वाला व्यक्ति अपने इष्ट से अधिक जुड़ाव महसूस करता है।
ज्योतिष पूजा वर्मा के अनुसार, सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर हाथ-मुंह धोकर अपने बिस्तर पर बैठे और जाने-अनजाने में की गई अपनी गलतियों के लिए अपने इष्ट से माफी मांगे। चौकड़ी मारकर बिस्तर पर बैठे और माफी मांगे।
माफी मांगने के पश्चात अपने इष्ट से उनके द्वारा मिली सभी चीजों के लिए शुक्रिया करें। हाथ जोड़कर मन में भगवान से शुक्रिया कहें।
शुक्रिया करने के बाद 108 बार मन में ‘मैं बहुत भाग्यशाली हूं’ कहें। ऐसा करने से आपकी बंद किस्मत खुल जाएगी। साथ ही, तरक्की के नए रास्ते भी खुलेंगे।