चैत्र नवरात्रि 2024 के चौथे दिन यानी 12 अप्रैल 2024 को मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। आइए जानते है चौथे दिन किसी विधि से मां कुष्मांडा की पूजा करनी चाहिए?
मां दुर्गा के भव्य स्वरूप मां कुष्मांडा को नवरात्रि का चौथा दिन समर्पित होता है। इस दिन मां कुष्मांडा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
पूजा करते समय मां कुष्मांडा को पीला वस्त्र, पीले फल, पीले फूल आदि अर्पित करना चाहिए। यह रंग मां कुष्मांडा को अति प्रिय होता है।
मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग अति प्रिय होता है। इसे बनाकर माता के चरणों में रखने से मां बेहद प्रसन्न होती है। इस बात का खास ख्याल रखें कि मां कुष्मांडा की पूजा हमेशा शांत मन से ही करनी चाहिए।
सुबह में स्नान ध्यान करके मां के उपवास का संकल्प लें। माता का पूजन करते समय उन्हें हरी इलायची, सौंफ और कुम्हड़ा जरूर चढ़ाएं।
अगर आप माता को हरी इलायची अर्पित कर रहे है तो प्रयास करें कि आप अपने उम्र के बराबर हरी इलायची अर्पित कर सके। साथ ही, इलायची अर्पित करते समय ‘ॐ बुं बुधाय नमः' का जाप करें।
मां कुष्मांडा का रूप भव्य और सुंदर है। आठ भुजाओं में अलग-अलग वस्तु उठाएं हुए मां सभी सिद्धियों की दात्री है। माता का वाहन सिंह है।
मां कुष्मांडा देवी की एक एक भुजा में कमंडल, एक भुजा में धनुष और बाण, एक में कमल पुष्प, एक में शंख, एक भुजा में चक्र, एक अन्य भुजा में गदा और एक भुजा में सभी सिद्धियों को सिद्ध करने वाली माला है.
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