नवरात्रि के पांचवे दिन ऐसे करें मां स्कंदमाता की पूजा


By Prakhar Pandey13, Apr 2024 08:57 AMnaidunia.com

चैत्र नवरात्रि

चैत्र नवरात्रि 2024 के पांचवे दिन माता के पांचवे रूप स्कंदमाता की पूजा की जाती है। आइए जानते है मां स्कंदमाता की पूजा विधि और महत्व के बारे में।

मां दुर्गा का पांचवा रूप

माता दुर्गा के पांचवे स्वरुप स्कंद का नाम भगवान कार्तिकेय से मिला है। इस रूप में मां ममतामई स्वरूप में पूजी जाती है। संतान की कामना करने वालों को माता के इस स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।

रूप का वर्णन

मां स्कंदमाता का स्वरूप चार भुजाधारी हैं और दाई ओर की ऊपरी भुजा में मां ने कार्तिकेय को गोद में लिया है और निचली भुजा में कमल का पुष्प धारण किया हुआ है।

मां स्कंदमाता

माता ने बाई ओर की ऊपरी भुजा अभय मुद्रा में और निचली भुजा में सफेद रंग का कमल धारण किया हुआ है। मां की सवारी सिंह है और कमल पर विराजने के कराण पद्मासना भी कही जाती है।

पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा के लिए सुबह में स्नान के बाद पीले रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए। पूजा के लिए लाल पुष्ण लेकर माता को स्मरण करें।

अर्पित करें ये चीजें

मां स्कंदमाता को अक्षत, धूप, फल, फूल, गंध, बताशा, पान, लौंग, इलायची अर्पित करें। साथ ही, धूप और दीपक भी जलाएं। माता को केले का भोग लगाना चाहिए।

आरती करें और शंख बजाएं

मां की विधिवत पूजा के बाद आरती करें और शंख बजाएं। मां को लाल रंग की चुनरी और सुहाग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए। ऐसा करने से मां स्कंदमाता की आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगी।

पूजा मंत्र

मां स्कंदमाता की पूजा करते समय ‘जापया देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।’ मंत्र का जाप करना चाहिए।

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