आज यानी 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गए हैं। मां दुर्गा की कृपा हासिल करने के लिए नौ दिनों तक नवरात्रि के व्रत रखे जाते हैं।
नवरात्रि में मनोकामना पूरी करने के लिए अखंड ज्योति भी कुछ लोग जलाते हैं। वास्तु शास्त्र में इस ज्योति को जलाने के कुछ नियमों के बारे में भी बताया गया है।
अखंड ज्योति जलाने का सबसे बड़ा नियम है कि इसे लगातार 9 दिनों यानी नवरात्रि की अवधि के दौरान जलाना होता है। ध्यान रखें कि यह दीपक बुझना नहीं चाहिए।
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि अखंड ज्योति का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ हमेशा होना चाहिए। इसके अलावा, किसी अन्य दिशा में इस ज्योत को रखना शुभ नहीं होता है।
यदि आपके घर में अखंड ज्योति जल रही है तो भूलकर भी अपने घर को अकेला न छोड़ें। ऐसा करने से मां दुर्गा आपसे नाराज हो सकती है।
किसी वजह से अखंड ज्योति बुझ जाती है तो क्षमा मांग के दीपक फिर से जलाना चाहिए। मान्यता के अनुसार, माफी मांगने से मां दुर्गा आपको माफ कर देंगी।
यदि आप घी की ज्योति जला रहे हैं तो उसे दाहिनी तरफ रखें। वहीं, तेल की ज्योति को मूर्ति के बाईं तरफ रखना चाहिए।
अखंड ज्योति से जुड़ी तमाम जानकारी सामान्य और धार्मिक मान्यता पर आधारित है। इसके जरिए हमारी तरफ से कोई दावा नहीं किया जा रहा है।
अखंड ज्योति जलाने से जुड़े नियमों को लेकर यहां हमने बात की। ऐसी ही अन्य धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ