शिक्षक दिवस के दिन लगभग सभी छात्र- छात्राएं अपने शिक्षको टीचर्स डे की बधाई देते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। आइए जानते हैं आचार्य चाण्कय के अनुसार अच्छा शिक्षक कौन होता है?
खुद भी एक शानदार शिक्षक थे। आचार्य चाणक्यअपने शिष्य चंद्रगुप्त को तक्षशिला विद्यालय ले गए थे। चंद्रगुप्त को चाण्कय ने तक्षशिला में ही कुशल राजा बनने की सीख दी थी।
चाणक्य के मुताबिक सच्चा गुरु वहीं होता है जो अपने शिष्य का गोविंद से साक्षात्कार करवाएं। आचार्य के अनुसार जीवन में सही मार्ग पाने के लिए सच्चे गुरु का मिलना अति आवश्यक होता हैं।
चाणक्य के मुताबिक सच्चा गुरु वहीं होता है जो अपने शिष्य का गोविंद से साक्षात्कार करवाएं। आचार्य के अनुसार जीवन में सही मार्ग पाने के लिए सच्चे गुरु का मिलना अति आवश्यक होता हैं।
सच्चे गुरुओं के पास यह अनुभव होता हैं कि वो अपने शिष्यों को सही राह दिखा सकें। अपना गुरु चुनने से पहले उनके अनुभव के बारे में अवश्य जान लेना चाहिए।
एक सच्चा गुरु हमेशा संवेदनशील होता है। गुरु जब अपने शिष्यों के लिए संवेदनशील होता हैं तो शिष्य अपनी समस्याओं और चुनौतियां उन्हें समझा सकता है।
एक गुरु को हमेशा अनुशासन प्रिया होना चाहिए। अनुशासन प्रिय गुरु ही अपने शिष्यों को सही राह का पालन करा, लक्ष्य तक पहुंचने में उनकी मदद करता हैं।
गुरु अपने शिष्य का भविष्य बना और बिगाड़ दोनों सकता है। ऐसे में एक अच्छा गुरु हमेशा अपने शिष्य का जीवन बर्बाद होने से बचा सकता हैं और उसे राह से भटकने पर सही राह दिख सकता हैं।