क्रिकेट में संन्यास लेना एक ऐसा पढ़ाव माना जाता है जब खिलाड़ी अपने खेल से विदाई ले रहा हो लेकिन कुछ क्रिकेटर्स ऐसे भी है जिन्होंने संन्यास के बाद भी टीम में वापसी की थी।
किसी भी खिलाड़ी के लिए संन्यास लेना एक बेहद भावुक लम्हा होता है। ग्राउंड में लंबा समय बिताने के बाद खुद को खेल से दूर करना काफी मुश्किल होता है। कई खिलाड़ियों ने संन्यास के बाद भी वापसी की है।
2011 में इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज रहे केविन पीटरसन ने लिमिटेड ओवर क्रिकेट को पूरी तरह से अलविदा कह दिया था। लेकिन कुछ ही महीनों में उन्होंने इंटरनेशनल टीम में वापसी की थी।
पाकिस्तान के धाकड़ ऑलराउंडर खिलाड़ी शाहिद अफरीदी ने भी संन्यास के बाद दोबारा इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की थी। 2006 में टेस्ट से संन्यास के बाद 2010 में शाहिद ने फिर से वापसी की थी।
जिम्बाब्वे के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक रहें ब्रेंडन टेलर ने भी साल 2015 में संन्यास के बाद दोबारा इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की थी। 2021 में ब्रेंडन ने हमेशा के लिए क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
मोईन ने भी 2021 में लिमिटेड ओवर के खेल पर ध्यान देने के लिए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था। बाद में ईसीबी की अपील के बाद उन्होंने टेस्ट टीम में वापसी की थी।
वेस्टइंडीज के दिग्गज खिलाड़ी रहे ब्रॉवो ने भी साल 2018 में इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह दिया था। बाद में 2019 में उन्होंने फिर से अंतरराष्ट्रीय टीम में वापसी की थी।
2002 में भारत के पूर्व दिग्गज गेंदबाज रहे जवागल श्रीनाथ ने भी इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। बाद में सौरव गांगुली की अपील के बाद उन्होंने टीम में वापसी की थी और वर्ल्ड कप में मैच विनर साबित हुए थे।