धतूरे का फूल अमूमन सफेद रंग का होता है। यह रंग भगवान शिव को अति प्रिय है। यह फूल कभी-कभी हल्के बैंगनी या फिर पीले रंग का भी होता है।
जब तक भगवान शिव की पूजा में धतूरे का फूल अर्पित नहीं किया जाता, कहा जाता है कि भगवान शिव पूजा को स्वीकार नहीं करते। क्योंकि यह फूल उन्हें बहुत ही प्रिय है।
समुद्र मंथन के समय हलाहल से भरा कलश निकला तब भगवान शिव ने इसे ग्रहण किया और कंठ में रख लिया। तब से धतूरे को हलाहल के प्रतिकात्मक स्वरूप भगवान शिव को चढ़ाया जाता है।
धतूरे के फूल को आप अपने कॉपी किताबों के बीच में रख सकते हैं। जब यह सूख जाए तब भी आप इसे अपने पास रखे रह सकते हैं। इससे आपके अंदर ज्ञान वृद्धि होगी।
- धतूरे के फूल को आप अपनी पैसों की तिजोरी के अंदर रख सकती हैं। इससे आपकी आर्थिक स्थिति ठीक होगी।
अगर आपको रात में डरावने सपने आते हैं तो आपको धतूरे के फूल को तकिया के नीचे रख कर सोना चाहिए। ऐसा करने भय दूर होता है।