हमारे समाज में पीरियड्स को लेकर कई मिथ और कहानियां प्रसिद्ध हैं। उनही में से एक कहानी जो बहुत चर्चा में रही है वह है इंद्रदेव के श्राप की कहानी। आइए जानें यह कितनी सच है और कितनी झूट।
एक बार देवताओं और असुरों के युद्ध में इंद्रदेव ने असुर राजा वृत्रासुर का वध कर दिया। वृत्रासुर एक ब्राह्मण था जिसके कारण इन्द्रदेव पर ब्रह्महत्या का पाप चढ़ गया।
इंद्रदेव द्वारा हुए इस पाप को उन्होंने चार हिस्सों में बांट दिया। जिसमें से एक हिस्सा पानी, एक पृथ्वी, वृक्ष और एक महिलाओं को मिला।
कथा के अनुसार जो पाप का हिस्सा महिलाओं को दिया गया था उसी के कारण उन्हें हर महीने पीरियड्स का सर्कल सहना पड़ता है जो 5 से 7 दिन तक चलता है।
विज्ञान के अनुसार पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है। साइंस किसी के दिए श्राप के कारण पीरियड्स का होने वाली कहानी पर विश्वास नहीं करता।
पीरियड्स हर महीने महिलाओं की रीप्रोडक्टिव सिस्टम का एक हिस्सा है। जिससे महिलाओं को प्रेगनेंसी के लिए तैयार करता है। यह पूरी तरह से एक नेचुरल और हेल्दी प्रोसेस है।
ऐसी पौराणिक कहानियों के कारण पीरियड्स को खराब और गंदा माना जाता है जिसके कारण लोग पीरियड्स के दौरान औरतों को खराब और अपवित्र मानते हैं जो उनकी मानसिकता के लिए नुकसानदायक है।
आज के युग में पीरियड्स को बिल्कुल नॉरमल बॉडी प्रोसेस के रूम में समझा जाता है। इसे न तो अपवित्र और न ही किसी श्राप का कारण मानते हैं।
पीरियड्स एक नेचुरल और हेल्दी प्रोसेस है, जिसे सोसाइटी में खराब नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए। इस तरह की अन्य जानकारी के लिए naidunia.com पर क्लिक करें।