हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि पितृपक्ष के समय पूर्वज अपने वंशजों को आशीर्वाद देने धरती पर आते हैं।
पौराणिक मान्यता है कि पितृपक्ष में दान धर्म के कार्य करने और पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। यदि पितृ नाराज हो जाए तो ये संकेत मिलने लगते हैं।
यदि घर में काफी लड़ाई झगड़े और मनमुटाव बढ़ गया है और बगैर किसी कारण से घर के सदस्यों के बीच क्लेश होता रहता है तो यह पितृ दोष का कारण हो सकता है।
यदि किसी काम में लगातार बाधाएं आ रही हैं या फिर मेहनत के बावजूद भी आपके काम सफल नहीं हो पा रहा है तो यह पितरों की नाराजगी का संकेत है।
यदि संतान गलत संगत में पड़ गई है या आपकी बात नहीं सुन रही है तो यह भी पितरों की नाराजगी के कारण हो सकता है। ऐसे में पितृ दोष उपाय जरूर करें।
यदि विवाह में देरी हो रही है या रिश्ते की बात कहीं चल रही है और कई तरह की मुश्किलें आ रही हैं तो यह पितृ दोष का कारण हो सकता है।
अगर किसी कार्य को करते हुए अचानक नुकसान होने लगे या घर के सदस्यों को बार-बार दुर्घटना का सामना करना पड़े तो यह भी पितृदोष का संकेत हो सकता है।
घर में पितृ दोष है तो पितरों की हंसती मुस्कुराती तस्वीर लगाना चाहिए। ये तस्वीर घर की दक्षिण पश्चिम दीवार या कोने में लगी होनी चाहिए।
सुबह उठने के बाद अपने पितरों को प्रणाम अवश्य करना चाहिए और उनकी तस्वीरों पर फूलों की माला चढ़ाने से पितृ प्रसन्न रहते हैं।