सुहागिनों के लिए हरियाली तीज का विशेष महत्व होता है। महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है, जिससे अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हरियाली तीज का व्रत सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। सावन के शुक्ल पक्ष की शुरुआत 17 अगस्त से है और हरियाली तीज 19 अगस्त को है।
हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है। इस वर्ष हरियाली तीज पर 3 शुभ संयोग बन रहे हैं।
हरियाली तीज पर बुधादित्य योग, शुभ योग और त्रिग्रही योग बन रहा है। व्रत करने वाली महिलाओं के लिए ये व्रत काफी फलदायी होगा।
सोलह श्रृंगार करने के बाद भगवान भोले व माता पार्वती की पूजा करें और श्रृंगार में हरे रंग का उपयोग जरूर करना चाहिए।
सुबह उठकर स्नान कर व्रत का संकल्प लें और फिर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। इस दिन निर्जला व्रत रखना चाहिए।
हरियाली तीज पर झूला झूलने का भी खास महत्व है। व्रत रखने वाली महिलाएं इस दिन लोकगीत गाकर और झूले झूलकर त्योहार को मनाती हैं।