हिंदू धर्म में ज्येष्ठ अमावस्या का विशेष महत्व है और इस दिन कुछ उपाय को करने से पितरों को शांति मिलती है। आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए कौन-से 4 काम करने चाहिए-
पीपल के पेड़ में पितरों का वास माना जाता है। ऐसे में ज्येष्ठ अमावस्या के दिन तिल के तेल का दीपक जलाएं। इससे पितृ दोष कम होता है।
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन घर में चौमुखी दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन कच्चे दूध में दही शहद मिलाकर शिव जी का अभिषेक करें। ऐसा करने से शिव जी की कृपा बनी रहती है।
तुलसी पौधे के पास दीपक जलाना शुभ माना जाता है। यह पितरों को शांति प्रदान करता है और सुख-शांति का वास होता है।
नदी के किनारे दीपक जलाने से पितरों को तृप्ति मिलती है। ज्येष्ठ अमावस्या पर तर्पण के बाद जल में दीप प्रवाहित करें, इससे पितरों को मोक्ष मिलता है।
दीपक जलाने के लिए तिल के तेल या धी का उपयोग करें। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके ही दीपक जलाएं और पितरों के शांति के लिए प्रार्थना करें।
ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए ये 4 काम करें। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM