पीरियड्स के समय में महिलाओं को कई परेशानियां आती हैं। आज हम बात करेंगे उन कारणों की जिसके चलते लड़कियों के पीरियड्स मिस होते हैं।
अगर पुरुष- महिला के रिलेशन के दौरान महिला को पीरियड्स न आए तो उसके दिमाग में आता हैं कि कहीं वो प्रेग्नेंट तो नहीं हैं। पीरियड्स आने का कारण सिर्फ प्रेग्नेंसी ही नहीं बल्कि और भी कारण होते हैं।
ज्यादा तनाव भी आपके शरीर में गोनेडोटरोपिन-रिलीजिंग हार्मोन के प्रोडक्शन को बाधित करता हैं। पीरियड्स न आने की वजह मानसिक और शारीरिक तनाव या दोनों हो सकते हैं।
वजन की समस्याओं से भी कभी कदात पीरियड्स में संभावित बदलाव हो जाता हैं। वजन बढ़ने की स्थिति में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन पर असर पड़ता है। इससे प्रजनन क्षमता प्रभावित होती हैं।
लाइफस्टाइल से भी आपके पीरियड्स के आने के समय में फर्क पड़ सकता हैं। अगर आप जॉब कर रहें हैं तो डे से नाइट की शिफ्ट के बदलने से भी आपके पीरियड जल्दी या देर में आ सकते हैं।
इसे हम रजोनिवृत्ति कहते हैं इस स्थिति में महिलाओं के पीरियड्स की प्रक्रिया बंद होने लगती हैं। रजोनिवृत्ति से पहले हल्के, थोड़ा या बार-बार पीरियड्स होते हैं।
दवाइयां जैसे कि थायराइड की टेबलेट्स, एंटीडिप्रेसेंट, एंटीकॉनवल्सेंट, कीमोथेरेपी की दवा और एंटीसाइकोटिक्स भी आपके पीरियड्स को प्रभावित करता हैं।
रोज के एक या दो घंटे के व्यायाम से पीरियड्स प्रभावित नहीं होते हालांकि हाई इंटेंसिटी वर्कआउट से आपकी शरीर में हार्मोनल परिवर्तन हो सकते हैं, जो पीरियड्स डिले होने का भी कारण होता हैं।