बिजी लाइफस्टाइल में व्यक्ति एक बार को अपने खानपान और रहन-सहन का ध्यान जरूर रखता है पर मानसिकता का कुछ खास ख्याल नहीं रख पाता है। आइए जानते है दूसरों से जलन रखने से दिमाग पर क्या प्रभाव पड़ता है?
किसी से ईर्ष्या की भावना व्यक्ति में तब जन्म लेती है जब वह सामने वाले से किसी मामले में कम हो। कई बार लोग खुद को जैसे वो है उस रूप में नहीं स्वीकार पाते इसलिए जलन की भावना पनपने लगती है।
हम अपनी कमियों की वजह से भी दूसरों से ईर्ष्या करने लगते है। दूसरों के प्रति ईर्ष्या भी व्यक्ति को नकारात्मक भावनाओं से भर देती है।
जलन की भावना से छुटकारा मिलना बेहद ज्यादा जरूरी है। अगर आपके अंदर ऐसी भावना पनपने लगती है तो इससे आपकी मेंटल हेल्थ पर भी काफी प्रभाव पड़ता है।
सेल्फ कॉन्फिडेंस की कमी होने पर भी व्यक्ति को सामने वाले से जलन होने लगती है। अगर आपको किसी से जलन हो भी रही है तो स्वयं ही उसका कारण समझने की कोशिश करें।
कई बार लोगों को बहुत छोटी-सी बात के लिए भी सामने वाले से जलन हो जाती है। ऐसा में आपके अंदर खुद को उस रूप में स्वीकार करना जरूरी है जैसे आप है।
जब भी आप किसी से जलन या ईर्ष्या रखते है तो जाने अनजाने में धीमें-धीमें आप उस व्यक्ति से नफरत भी करने लगते है, चाहे वो आपका करीबी ही क्यो न हो। ऐसे में आपको खुद को इस नेगेटिविटी से बचाना है।
अच्छी मेंटल हेल्थ के लिए सबसे जरूरी है आपका पॉजिटिव होना। इस बात पर मायूस होने या ईर्ष्या रखने के बजाय की सामने वाला आपसे बेहतर है, आपको स्वयं को बेहतर बनाने पर काम करना चाहिए।
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