Famous Temple: पुणे के अष्टविनायक मंदिरों के दर्शन से पूरी होगी हर मनोकामना


By Hemraj Yadav2022-12-20, 17:27 ISTnaidunia.com

मयूरेश्वर या मोरेश्वर मंदिर

पुणे से करीब 80 किमी दूर मोरगांव क्षेत्र में मयूरेश्वर विनायक का मंदिर है। यहां गणेशजी की मूर्ति बैठी मुद्रा में है। उनकी सूंड बाई है तथा उनकी चार भुजाएं एवं तीन नेत्र हैं।

सिद्धिविनायक मंदिर

पुणे से करीब 200 किमी दूर करजत तहसील, अहमदनगर में सिद्धिविनायक मंदिर है। यह करीब 200 साल पुराना है। यहां गणेशजी की तीन फीट ऊंची और ढाई फीट चौड़ी मूर्ति है।

बल्लालेश्वर मंदिर

यह मंदिर मुंबई-पुणे हाइवे पर पाली से टोयन और गोवा राजमार्ग पर नागोथाने से पहले 11 किमी दूर स्थित है। इस मंदिर का नाम गणेशजी के भक्‍त बल्‍लाल के नाम पर रखा गया है।

वरदविनायक मंदिर

यह मंदिर रायगढ़ के कोल्हापुर में है। एक कथा यह भी है कि इस मंदिर में नंददीप नाम का दीपक है जो कई वर्षों से लगातार जल रहा है। यहां सभी मनोकामना पूरी होती है।

चिंतामणी मंदिर

यह मंदिर थेऊर गांव में तीन नदियों भीम, मुला और मुथा के संगम पर स्‍थित है। एक कथा है कि भगवान ब्रह्मा ने अपने विचलित मन को शांत करने के लिए यहां तपस्या की थी।

गिरिजात्मज अष्टविनायक मंदिर

पुणे से 90 किमी दूर पुणे-नासिक राजमार्ग पर यह मंदिर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 300 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। यह पूरा मंदिर एक ही बड़े पत्थर को काटकर बनाया गया है।

विघ्नेश्वर अष्टविनायक मंदिर

यह मंदिर पुणे के ओझर जिले के जूनर क्षेत्र में स्थित है। मंदिर पुणे-नासिक रोड पर करीब 85 किमी की दूरी पर है। एक किंवदंती के अनुसार यहां गणेशजी ने विघनासुर असुर का वध किया था।

महागणपति मंदिर

राजणगांव में महागणपति मंदिर स्‍थित है। इस मंदिर को 9-10वीं सदी के बीच का माना जाता है। यहां गणपति की मूर्ति को माहोतक नाम से भी जाना जाता है।

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