ज्यादातर लोग सुबह के समय सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से कभी भी आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता है।
वास्तु में उल्लेख है कि सूर्य देव को अर्घ्य देने वाले व्यक्ति का समाज में मान-सम्मान भी बढ़ता है। वहीं, सूर्य देव की कृपा भी बनी रहती है।
सूर्य देव को जल अर्पित करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए आपको बताते हैं कि सूर्य देव को अर्घ्य देने का सही तरीका क्या होता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, सूर्य देव को जल देते समय हमेशा तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए। तांबे का लोटा अन्य बर्तनों की तुलना में ज्यादा शुभ होता है।
सूर्य देव को जल अर्पित करने के लिए सूर्योदय का समय बेस्ट होता है। इस दौरान जल अर्पित करना सबसे ज्यादा लाभदायक माना जाता है।
वास्तु शास्त्र में दिशा का भी काफी महत्व होता है। सूर्य को जल अर्पित करते समय अपना मुंह पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए।
आपको बता दें कि सूर्य देव को लाल फूल अर्पित करना भी शुभ माना जाता है। सूर्य देव की प्रसन्न करने के लिए जल में फूल भी डाला जा सकता है।
सूर्य देव को रोजाना नियमित रूप से जल चढ़ाना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने वालों को काफी लाभ मिलता है।