Ganga Jayanti 2023 : वैशाख शुक्ल सप्तमी के पावन दिन धरती पर उतरी थीं गंगा
By 2023-04-25, 17:04 ISTnaidunia.com
गंगा जी में स्नान का महत्व
गंगा जयंती के शुभ अवसर पर गंगा जी में स्नान करने से सात्त्विकता और पुण्यलाभ होता है प्राप्त ।
हिन्दुओं का एक प्रमुख पर्व
श्री गंगा सप्तमी (गंगा जयंती) है। गंगा जयंती हिन्दुओं का एक प्रमुख पर्व है।
अनेक पवित्र तीर्थस्थल गंगा के किनारे
भारत की अनेक धार्मिक अवधारणाओं में गंगा को देवी के रूप में दर्शाया गया है। अनेक पवित्र तीर्थस्थल गंगा के किनारे पर बसे हैं।
गंगा नदियों में सबसे पवित्र
गंगा को भारत की नदियों में सबसे पवित्र नदी के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है।
अंतिम संस्कार की इच्छा
लोग गंगा के किनारे ही प्राण विसर्जन या अंतिम संस्कार की इच्छा रखते हैं तथा मृत्यु पश्चात गंगा में अपनी राख विसर्जित करना मोक्ष प्राप्ति के लिये आवश्यक समझते हैं।
संस्कारों में गंगाजल का होना आवश्यक
गंगाजल को पवित्र समझा जाता है तथा समस्त संस्कारों में उसका होना आवश्यक माना गया है। गंगाजल को अमृत समान माना गया है।
गंगा हिंदुओं की आस्था का केंद्र
अनेक धर्म ग्रंथों में गंगा के महत्व का वर्णन प्राप्त होता है। गंगा नदी के साथ अनेक पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैंं।
अनेक पौराणिक कथाएँ
अनेक पौराणिक कथाएँ हैं जो गंगा जी के संपूर्ण अर्थ को परिभाषित करने में सहायक है।
शिव शंकर की जटाओं में गंगा
गंगा स्वर्ग लोक से शिव शंकर की जटाओं में पहुंची थीे इसलिए इस दिन को गंगा जयंती और गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है।
गंगा जयंती के दिन गंगा पूजन
पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है तथा समस्त पापों का क्षय होता है।
गंगा का दूसरा नाम भागीरथी
गंगा के स्पर्श से ही सगर के 60 हजार पुत्रों का उद्धार संभव हो सका इसी कारण गंगा का दूसरा नाम भागीरथी पड़ा।
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