गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद भी व्यक्ति के कुछ कर्म उसके साथ रहते हैं। इन कर्मों के आधार पर ही व्यक्ति को स्वर्ग और नर्क की प्राप्ति होती है।
समाज के प्रति किए गए कार्य जैसे दान, सेवा आदि का फल व्यक्ति के साथ रहता है, जिसे व्यक्ति कि अच्छे कर्मों में शामिल किया जाता है।
जीवन में किए गए संकल्प व्यक्ति की आत्मा को मृत्यु के बाद भी प्रभावित करते हैं, जिनका असर व्यक्ति के अगले जन्म पर भी पड़ता है।
गरुड़ पुराण में स्वर्ग प्राप्ति के लिए अच्छे कर्म करने की सलाह दी जाती है। दरअसल, कर्मों का चक्र व्यक्ति की मौत के बाद भी चलता रहता है।
परिवार के सदस्यों के साथ किए गए अच्छे या बुरे कर्म व्यक्ति के साथ मौत के बाद भी रहते हैं। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि अगले जन्म में भी इन रिश्तों का प्रभाव देखने को मिलता है।
जीवन में बनाए गए भावनात्मक बंधन व्यक्ति की आत्मा के साथ हमेशा रहते हैं। इन बंधनों के कारण ही आत्मा को इंसानों के जीवन से मुक्ति नहीं मिल जाती है।
जीवन में किए गए बुरे और अच्छे कर्मों की संगत व्यक्ति के साथ हमेशा रहती है। मृत्यु के बाद भी इन कर्मों की संगत आत्मा का साथ नहीं छोड़ती है।
इस लेख में दी गई तमाम जानकारी गरुड़ पुराण और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसकी पुष्टि हमारी तरफ से नहीं की जा रही है।
यहां हमने जाना कि मृत्यु के बाद व्यक्ति के किस तरह के कर्म साथ रहते हैं। ऐसी ही अन्य धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ