ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ काम करने की मनाही होती है।
पंचांग के अनुसार, होली के 8 दिनों पहले से ही होलाष्टक शुरु हो जाते हैं। 27 फरवरी से शुरू होकर यह 7 मार्च तक चलेंगे।
होलाष्टक के दौरान सभी ग्रह उग्र स्वभाव के हो जाते हैं। इसलिए इस दौरान कार्य का शुभ फल प्राप्त नहीं होता। इस दौरान इन कार्यों की मनाही होती है।
होलाष्टक के दौरान मांगलिक कार्य, भूमि पूजन, गृह प्रवेश और नए बिजनेस की शुरूआत करना अशुभ माना जाता है।
इस दौरान नया घर, वाहन, वस्त्र आदि का खरीदना वर्जित होता है। क्योंकि इस दौरान खरीदी गई नई चीज अशुभ होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होलाष्टक के दौरान नए विवाहितों को इन दिनों मायके में ही रहने की सलाह दी जाती है।
इन दिनों के दौरान हवन, यज्ञ जैसे कार्य नहीं करने चाहिए। क्योंकि इस दौरान किए गए यज्ञ का फल प्राप्त नहीं होता है।
शास्त्रों के अनुसार, होलाष्टक के दौरान पूजा पाठ करना शुभ माना जाता है। इसलिए भगवान विष्णु के साथ अन्य देवी देवताओं की पूजा अवश्य करें।