होली से पहले 8 दिन के इस समय को होलाष्टक के नाम से जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह वो अवधि होती है जब कोई भी शुभ कार्य संपन्न नहीं होता है।
हाेलाष्टक में 16 संस्कार जैसे नामकरण संस्कार, जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश, विवाह संस्कार जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। वहीं किसी भी प्रकार का हवन, यज्ञ कर्म भी नहीं किया जाता है।
होलाष्टक की शुरुआत होली से आठ दिन पहले होती है. इस बार 27 फरवरी को सूर्योदय से होलाष्टक शुरू है और पूर्णिमा के दिन समाप्त होगा।
यदि आप कोई नया वाहन खरीदना चाहते हैं तो होलाष्टक लगने से पहले उसकी बुकिंग करा लें। होली के बाद ही वाहन को को घर लेकर आएं।
किसी नए व्यवसाय की शुरुआत भी होलाष्टक में न करें। होलाष्टक के दिनों में अधकितर उग्र अवस्था में होते हैं, ऐसे में उनका सहयोग नहीं हो पाता। इस कारण व्यवसाय में घाटा होता रहता है।
होलाष्टक के दौरान किसी मकान या प्लॉट को न खरीदें और न ही इनकी रजिस्ट्री न कराए। मकान बनवाने का काम भी होलाष्टक में शुरू न करें।