इंदौर में सबसे पहले जली राजवाड़ा पर सरकारी होली


By Sameer Deshpande2023-03-07, 15:37 ISTnaidunia.com

सबसे पहले सरकारी होली

फाल्गुनी पूर्णिमा पर भद्राव्यापिनी प्रदोषकाल में सबसे पहले राजवाड़ा पर सरकारी होली जलाई गई।

महाराज हुए शामिल

खास बात यह रही कि इस वर्ष पूजन में राज परिवार रिचर्ड होलकर भी शामिल हुए। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

कैमरे में किया कैद

होलिका दहन के दृश्यों को जहां नई पीढ़ी ने कैमरे में कैद किया, वहीं पुरानी पीढ़ी ने होली की अग्नि पर गेहूं की बालियां सेंकी और होलिका की परिक्रमा लगाकर सुख-समृद्धि की कामना की।

राख ले गए साथ

कई ऐसे लोग भी थे, जो समृद्धि की कामना से राख को अपने साथ छोटी-छोटी पुड़िया में लेकर गए। सरकारी होली की अग्नि भी कई लोग अपने घर होली को जलाने के लिए लेकर गए।

कंडों की होली

1100 कंडों को व्यवस्थित स्वरूप में एक के ऊपर एक जमाया गया। इसके बाद घास, गन्ना और ऊपर की तरफ चटाई लगाई गई।

295 वर्षों की परंपरा

होलिका दहन की परंपरा 1728 में होलकर राज्य के संस्थापक सूबेदार मल्हाराव होलकर ने शुरू की थी।

बग्घियों में आते थे शासक

होलकर रियासत में चार बग्घियों में सवार होकर होलकर शासक आते थे। यह पर्व पूरे पांच दिनी मनाया जाता था।

एक महीने पहले से तैयारी

तैयारी एक महीने पहले दांडी पूर्णिमा से शुरू हो जाती थी। दहन के लिए राजवाड़ा चौक को धोकर तैयार किया जाता था।

तोपों की सलामी

दहन पर 20 घुड़सवार बंदूकधारियों द्वारा 21-21 राउंड के फायर किए जाते थे। इसके साथ ही पांच तोपों की सलामी भी दी जाती थी।

रंगों का मस्ती शुरू

होलिका जलने के साथ ही शहर में होली की मस्ती शुरू हो गई।

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