हिन्दू धर्म में सुबह-शाम पूजा करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करके देवी-देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं, पूजा करते समय कितनी अगरबत्ती जलानी चाहिए-
अगरबत्ती जलाने से घर का वातावरण शुद्ध होता है। इसके अलावा सकारात्मक ऊर्जा के साथ भगवान भी प्रसन्न होते हैं।
पूजा करने के दौरान एक अगरबत्ती जालने का मतलब भगवान के प्रति श्रद्धा और एकाग्रता को दर्शाता है, इसलिए, साधारण पूजा करते समय जला सकते हैं।
पूजा के दौरान दो अगरबत्ती जलाना देवी-देवताओं के जोड़े को समर्पित है। साथ ही, यह संतुलन और समर्पण को भी दर्शाता है।
तीन अगरबत्ती त्रिदेव जैसे कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश और त्रिदेवी जैसे कि सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती के प्रति श्रद्धा भाव को दर्शाते हैं।
पांच अगरबत्ती पंच तत्वों को दर्शाते हैं जैसे कि आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी, इसलिए, इसे सिर्फ विशेष अनुष्ठानों में जलाया जाता है।
रोजाना पूजा करते समय एक या दो अगरबत्ती जलाना काफी होता है, इससे वातावरण शुद्ध और पवित्र रहता है।
ज्यादा अगरबत्ती जलाने से आपको फेफड़े से संबंधित बीमारी हो सकती है। इसलिए, रोजाना संतुलित मात्रा में ही अगरबत्ती जलाएं।
रोजाना दो अगरबत्ती और विशेष अवसरों पर तीन, चार या पांच अगरबत्ती जला सकते हैं। यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए दी गई है, ऐसी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें naidunia.com