अक्सर लोग घर बनवाते समय में पूजा घर बनवाने में गलतियां करते हैं। उन्हें किस दिशा में पूजा घर रखना है,इसकी जानकारी नहीं होती जिसकी वजह से आगे चलकर उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार पूजा घर कैसा होना चाहिए-
पूजा घर को हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में बनाना चाहिए । ऐसा करने से परिवार में सुख की वृद्धि होती है। पूजा घर में शंख जरूर रखें। यह घर की अशांति को हर लेता है और घर-परिवार में शांति बनाए रखता है।
ज्योतिष के अनुसार, पूजा करते समय पूर्व दिशा में मुंह करना शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिशा में सूर्य उदय होते हैं। इससे सूर्य की ऊर्जा का संचार होता है।
पूजा करते समय पाठ भी बैठकर करना चाहिए। कभी भी खड़े होकर पाठ नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान नाराज हो सकते हैं और इससे फलों की प्राप्ति भी नहीं होती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार ध्यान रखें की पूजा घर के ऊपर या नीचे कभी टॉयलेट, रसोईघर या सीढ़ियां न हो। इससे भगवान का अपमान होता है और वह कोध्रित भी होते हैं।
शनि, राहु, केतु या जो भी ग्रह वाले देवी-देवता होते हैं, उनकी तस्वीर कभी भी घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए। साथ ही, ब्रह्मा जी को घर के मंदिर में कभी स्थापित नहीं करना चाहिए।
पूजा करते समय भगवान की मूर्तियों की ओर ध्यान लगाने से तनाव दूर होता है, लेकिन मूर्ति खंडित हो तो ध्यान नहीं लग पाता है। इसलिए घर में अगर कोई मूर्ति टूटी हुई है तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए।
वास्तु के अनुसार ऐसा पूजा घर होना चाहिए। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM