किसी भी जीवात्मा अर्थात प्राणी के जीवन के अन्त को मृत्यु कहते हैं, लालच, मोह,रोग,कुपोषण के परिणामस्वरूप होती है। आइए जानते है नरक से बचने के लिए क्या करनी चाहिए?
मृत्यु शब्द ही नहीं बल्कि एक परम पवित्र मंगलकारी देवी है। पुराणों के अनुसार, नरक चतुर्दशी तिथि और नरक पूर्णिमा का वर्णन मिलता है।
अगर आप मृत्यु के बाद अच्छा जीवन चाहते है तो जीवित रहते हुए ज्यादा से ज्यादा पुण्य कर्म करें। जीवन में किया हुआ घंगोर पाप ही नर्क का दरवाजा खोलते है।
श्रहरि विष्णु के मंत्रों के जाप से भी नरक से छुटकारा मिल सकता है। गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र और नमो नारायण मंत्र का जाप करने से नरक से मुक्ति मिल सकती है।
नरक चतुर्दशी तिथि के दिन कालिका माता, भगवान श्री कृष्ण और हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से नरक से भी छुटकारा मिल सकता है।
वेदों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि वाजपेयी जैसे यज्ञों को करने से नरक से भी छुटकारा मिल सकता है। साथ ही, पुण्य कर्मों को करने से भी उचित लाभ मिलता है।
एकादशी व्रत, प्रदोष व्रत या शिव चतुर्दशी व्रत रखने से भी नरक से छुटकारा मिल सकता है। इन तिथियों पर व्रत रखने से नरक से छुटकारा मिल सकता है।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, नरक से बचने के लिए तीन कैथ, तीन बेल, तीन आंवला, 5 आम के पेड़, एक पीपल और एक नीम का पेड़ लगाना चाहिए। ऐसा करने से आपके नरक में जाने की संभावना कम हो जाती है।
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