शनिवार का दिन पूर्ण रूप से शनिदेव को समर्पित होता है। आइए जानते है शनि की साढ़े से बचने के उपायों के बारे में।
शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। यह अच्छे कर्म करने वालों को अच्छे फल देते है और बुरे कर्म करने वाले को उसके कर्मानुसार फल देते है।
शनिदेव की दृष्टि होने पर व्यक्ति को जीवन में भिन्न भिन्न प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। शनि देव की साढ़े साती होने पर आर्थिक हालत भी बदतर हो जाती है। ऐसे में कुछ उपाय से आप इस साढ़े साती का निवारण कर सकते है।
शनिदेव को शनिवार के दिन सरसों या तिल के तेल अर्पित करना चाहिए। साथ ही, शनि मंत्र और शनि स्त्रोत के पाठ से भी साढ़े साती के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
साढ़े साती का प्रभाव कम करने के लिए रोजाना स्नान के पश्चात गंगाजल में काले तिल और बेलपत्र मिलाकर, शिवलिंग का अभिषेक करें। ऐसा करने से भी भोले बाबा साढ़ेसाती से अपने भक्त को बचाते है।
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष को जल में काले तिल मिलाकर अर्घ्य दें। साथ ही, शनि चालीसा का पाठ भी करें। इसके बाद 3 बार पीपल के वृक्ष की परिक्रमा भी करें। हर शनिवार इस उपाय को अवश्य करें।
मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भी साढ़ेसाती का प्रभाव समाप्त हो जाता है। मंगलवार का व्रत रखने से भी हनुमान जी अति प्रसन्न होते है।
शनिवार के दिन तामसिक भोजन का सेवन न करें। साथ ही, शनिवार के दिन चमड़े के जूते, चप्पल, लोहा, लकड़ी की वस्तुएं, नमक, सरसों के तेल आदि चीजों का दान करें।