दुनियाभर में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण सर्वाइकल कैंसर होता है। आइए जानते है सर्वाइकल कैंसर से बचने के उपायों के बारे में।
सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर प्रकार का कैंसर होता है, यह महिलाओं को प्रभावित करता है। इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता के लिए हर साल जनवरी के माह में अवेयरनेस कार्यक्रम चलाया जाता है।
सर्वाइकल कैंसर के मरीज हर साल लाखों की संख्या में आते है। हर साल इस बीमारी की वजह से सैकड़ों लोग अपना दम तोड़ देते है।
एचपीवी यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस एक प्रकार का सामान्य वायरस होता है। यह स्किन और म्यूकस मेंब्रेन को संक्रमित करता है। इसके 100 से अधिक प्रकार होते है।
एचपीवी स्किन से स्किन के संपर्क में आने पर फैलता है। इसमें यौन गतिविधि इसके फैलने की मुख्य वजह होती है। संक्रमित व्यक्ति के साथ यह वायरस वजाइनल, एनल या फिर ओरल यौन संबंध के जरिए फैल सकता है।
एचपीवी संक्रमण होने पर कोई ध्यान देने योग्य लक्षण नहीं दिखाई नहीं देते हैं। जननांगों, एनस या मुंह पर या उसके आसपास छोटी, फूलगोभी जैसे दिखाई देते हैं।
शारीरिक संबंध की वजह से होने वाले इस इन्फेक्शन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में वैक्सीन सर्वाइकल और अन्य कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर देती है।
इस कैंसर से बचाव के लिए 9 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं और पुरुषों दोनों को यह टीका लगवाना चाहिए। पुरुषों में भी यह संक्रमण हो सकता है।
इस समय एचपीवी की तीन वैक्सीन उपलब्ध है। जिसमें एक सेरवावैक - सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ पहला स्वदेशी टीका है। इसे भारत के इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित किया गया है।