मंदिर के बाहर चप्पल-जूते उतारते समय रखें इन 4 बातों का ध्यान


By Ayushi Singh16, Jun 2025 11:27 AMnaidunia.com

हिंदू धर्म में मंदिर के स्थान को बहुत पवित्र माना जाता है, जहां चप्पल-जूते उतारना श्रद्धा और शुचिता का प्रतीक है। आइए जानते हैं कि मंदिर के बाहर चप्पल-जूते उतारते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

मंदिर की पवित्रता

मंदिर में तन, मन और आत्मा की शुद्धि का स्थान है। वहीं, जूते-चप्पल अपवित्रता का प्रतीक है। इन्हें बाहर उतारना मंदिर की पवित्रता बनाए रखता है।

माना जाता है अशुद्धता 

मंदिर के दरवाजे के सामने जूते-चप्पल उतारना अशुद्धता माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इसे देव द्वार की अवमानना कहा गया है।

सीढ़ियों पर न रखें चप्पल

मंदिर की सीढ़ियों पर जूते-चप्पल रखने से आने-जाने में दिक्कत होती है। यह पवित्र स्थान की सकारात्मक ऊर्जा को कम करता है।

दूसरों की चप्पल पर न रखें पैर

दूसरों की चप्पल पर पैर रखना या उन्हें पैर से हटाना गलत है। यह दूसरे की ऊर्जा और भाग्य में हस्तक्षेप माना जाता है।

गलत तरीकों से चप्पल उतारना

गलत तरीकों से चप्पल उतारने से पुण्य कम होता है और पाप बढ़ सकते हैं। मंदिर की मर्यादा का उल्लंघन करने से सकारात्मक ऊर्जा कम होती है।

डिस्क्लेमर

लेख में दी गई सभी जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।

मंदिर के बाहर चप्पल-जूते उतारते समय इन 4 बातों का ध्यान रखें। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM

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