घर की सीढ़ियां केवल आने जाने के लिए ही नहीं, बल्कि ये एनर्जी के फ्लो पर भी असर डालते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सीढ़ियों की गलत दिशा या स्थिति से घर में नेगेटिविटी बढ़ सकती है।
अगर सीढ़ियां घर के बीचों-बीच या उत्तर-पूर्व दिशा में बनाई गई है, तो यह वास्तु दोष मानी जाती हैं। इससे घर के सदस्यों की मानसिक शांति भंग हो सकती है और हेल्थ और पैसों की समस्याएं हो सकती हैं।
उत्तर-पूर्व दिशा को घर का सबसे पवित्र क्षेत्र माना गया है। यह दिशा पॉजिटिव एनर्जी और आध्यात्मिक शक्ति से जुड़ी होती है। यहां सीढ़ियां होने से घर में एनर्जी का संतुलन बिगड़ सकता है और नेगेटिव इफेक्ट पड़ सकता है।
सीढ़ियों के रंग का भी वास्तु पर असर पड़ सकता है। गहरे रंगों की सीढ़ियां नेगेटिव एनर्जी को बढ़ा सकती हैं। हल्के रंग और नेचुरल सामग्री जैसे लकड़ी का उपयोग करना बेहतर होता है।
वास्तु शास्त्र में सीढ़ियों की संख्या भी मायने रखती है। सीढ़ियों की कुल संख्या odd होनी चाहिए, जैसे 9, 11, 13। Even संख्या वाली सीढ़ियां वास्तु दोष पैदा कर सकती हैं।
सीढ़ियों का फेस पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। दक्षिण या पश्चिम दिशा में सीढ़ियां बनाने से नेगेटिव असर पड़ता है। इसके अलावा, सीढ़ियों का अंत घर के मुख्य द्वार पर नहीं होना चाहिए।
अगर सीढ़ियां वास्तु दोष का कारण बन रही हैं, तो उनके नीचे बंद अलमारियां बनाएं या तुलसी का पौधा रखें। इससे नेगेटिविटी का प्रभाव कम होगा। इसके अलावा, सीढ़ियों को साफ रखें।
सीढ़ियों पर लाल रंग का स्वास्तिक या ओम का चिह्न बना लें। इससे नेगेटिव एनर्जी खत्म हो जाती है। इसके अलावा सीढ़ियों पर कालीन बिछाने से भी एनर्जी बैलेंस होती है।
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