Types of Snan: जानें स्नान का महत्व व प्रकार, ऐसे होती है मनोकामनाओं की पूर्ति
By Sandeep Chourey2023-02-13, 14:58 ISTnaidunia.com
स्नान का महत्व
सनातन संस्कृति में स्नान का बड़ा महत्व है। रोजाना शरीर की शुद्धि के लिए शास्त्रों में स्नान को एक अनिवार्य प्रक्रिया बताया गया है।
ये है धार्मिक मान्यता
स्वच्छ तन में स्वच्छ आत्मा का निवास होता है। विशेष पर्व व त्योहारों पर पवित्र नदी और सरोवरों में स्नान का विधान बताया गया है।
सूर्योदय के पहले मुनि स्नान
शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त के स्नान का बड़ा महत्व है। सूर्योदय के पूर्व 4 से 5 बजे के बीच किया गया स्नान सर्वश्रेष्ठ होता है। इस स्नान को मुनि स्नान कहा गया है।
सूर्योदय के बाद देव स्नान
सुबह 5 से 6 बजे के बीच किया गया स्नान देव स्नान कहलाता है। इस समय किया गया स्नान भी श्रेष्ठ फल देता है।
मानव स्नान का समय
मानव स्नान का समय सुबह 6 से 8 बजे के बीच होता है। सुबह 8 बजे के बाद राक्षस स्थान का समय शुरू हो जाता है।
मुनि स्नान से लाभ
शास्त्रों के अनुसार मुनि स्नान करने से घर-परिवार में सुख, शांति, धन, संपदा, आरोग्य, विद्या और विपदाओं से मुक्ति मिलती है।
देव स्नान करने से लाभ
देव स्नान करने से यश, कीर्ति, मान,सम्मान, और वैभव की प्राप्ति होती है। जीवन में सुख संपत्ति की प्राप्ति होती है।
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